प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गुजरात की पहली हैरिटेज ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. तीन कोच वाली इस ट्रेन को एक इलेक्ट्रिक इंजन द्वारा चलाया जाएगा और इसे इस तरह डिजाइन किया गया है ताकि लोगों को भाप इंजन से चलने वाली रेलगाड़ियों की तरह ही अनुभव हो जैसे कि शुरुआती दिनों में धुआं उड़ाती और सीटी बजाती ट्रेनों में लोग अनुभव किया करते थे.
यह ट्रेन एकता नगर से अहमदाबाद के बीच चलेगी और इससे पर्यटकों को सरदार वल्लभभाई पटेल के स्मारक ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ तक आवागमन में सुविधा होगी. पीएम मोदी ने यहां एकता दिवस समारोह के दौरान ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के बाद कहा, आज यहां एक स्पेशल हैरिटेज ट्रेन का एक नया आकर्षण भी जुड़ने जा रहा है. एकता नगर स्टेशन और अहमदाबाद के बीच चलने वाली इस ट्रेन में हमारी विरासत की झलक भी है और आधुनिक सुविधाएं भी हैं. इसके इंजन को भाप इंजन का लुक दिया गया है, लेकिन ये चलेगी बिजली से.
Indian Railways (@RailMinIndia) is set to introduce a 'Heritage Special' train, embracing the nostalgia of steam engines, running from Ahmedabad to Ektanagar along heritage routes.
— DD News (@DDNewslive) October 30, 2023
This train, featuring three EC type coaches with a capacity for 144 passengers and a dining car… pic.twitter.com/BzcYb9fKnh
एकता नगर, जिसे केवड़िया के नाम से भी जाना जाता है, नर्मदा जिले में है. तीनों डिब्बों में 48-48 सीटें हैं और पर्यटक 28-सीटर एसी रेस्तरां डाइनिंग कार में सागौन की लकड़ी की डाइनिंग टेबल और दो सीटर कुशन वाले सोफे पर बैठ कर चाय और स्नैक्स का आनंद ले सकते हैं. मोदी ने कहा कि एकता नगर में पर्यावरण अनुकूल परिवहन की व्यवस्था भी की गई है और अब यहां पर्यटकों को ई-बस, ई-गोल्फ कार्ट और ई-साइकिल के साथ पब्लिक बाइक शेयरिंग सिस्टम की सुविधा भी मिलेगी.
उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में डेढ़ करोड़ से ज्यादा पर्यटक यहां आ चुके हैं और ये संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है. उन्होंने कहा कि इसका बहुत बड़ा लाभ यहां के आदिवासी भाई-बहनों को हो रहा है, उन्हें रोजगार के नए साधन मिल रहे हैं. एकता नगर को ‘संकल्प से सिद्धि’ का एक बहुत बड़ा उदाहरण करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 10-15 वर्ष पहले किसी ने सोचा भी नहीं था कि केवड़िया इतना बदल जाएगा.
उन्होंने कहा, आज एकता नगर की पहचान वैश्विक हरित शहर के तौर पर हो रही है. यही वो शहर है जहां से दुनिया भर के देशों का ध्यान खींचने वाले ‘मिशन लाइफ’ (पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली अभियान) की शुरुआत हुई थी. जब भी मैं यहां आता हूं, इसका आकर्षण और बढ़ा हुआ दिखता है. वडोदरा के मंडल रेल प्रबंधक जितेंद्र कुमार सिंह ने कहा, यह ट्रेन पांच नवंबर से हर रविवार को साप्ताहिक सेवा के रूप में चलेगी. आने वाले दिनों में पर्यटकों से मिलने वाली प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए इसके फेरे बढ़ाए जाएंगे.
सभी डिब्बों में सागौन की लकड़ी का इंटीरियर है जिन्हें चेन्नई के पेरम्बूर स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में डिजाइन किया गया है. वडोदरा में रेलवे की एक समृद्ध विरासत है, जिसमें रेल सेवाओं को चलाने का पहला प्रयास 1862 में बड़ौदा राज्य के तत्कालीन शासक खांडेराव गायकवाड़ द्वारा किया गया था. इसके बाद डभोई और मियागम के बीच आठ मील के ट्रैक पर बैलों ने ट्रेनों को दौड़ाया. 1880 तक मार्ग पर नियमित रूप से लोकोमोटिव का उपयोग किया गया था.
ट्रेन अहमदाबाद से सुबह छह बज कर दस मिनट पर रवाना होगी और सुबह नौ बज कर पचास मिनट पर केवडिया के रेलवे स्टेशन एकता नगर पहुंचेगी, जहां सरदार सरोवर बांध के जलाशय में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी है. वापसी में यह ट्रेन एकता नगर से रात आठ बज कर 23 मिनट पर रवाना होगी और रात्रि 12 बजकर 5 मिनट पर अहमदाबाद पहुंचेगी. एक तरफ की यात्रा का किराया 885 रुपये होगा. एकता नगर और अहमदाबाद के बीच 182 किलोमीटर की यात्रा के दौरान ट्रेन का कोई ठहराव नहीं होगा.
विंध्याचल और सतपुड़ा पर्वत श्रृंखलाओं में बसा केवड़िया दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के उद्घाटन के बाद से बड़े पैमाने पर बदल गया है. दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा के अलावा, केवड़िया में पर्यटकों के लिए जंगल सफारी, राफ्टिंग, भूलभुलैया, क्रूज, लाइट एंड साउंड शो, एक ग्लो गार्डन और नर्मदा आरती सहित कई आकर्षण हैं. मोदी ने कहा, रिवर राफ्टिंग, एकता क्रूज, एकता नर्सरी, एकता मॉल, आरोग्य वन, बगीचे, जंगल सफारी, मियावाकी के जंगल, मेज गार्डन यहां पर्यटकों को बहुत आकर्षित कर रहे हैं. पिछले छह महीने में ही यहां डेढ़ लाख से ज्यादा पेड़ लगाए गए हैं. भारत में दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, नीलगिरि माउंटेन रेलवे, कांगड़ा वैली रेलवे, कालका-शिमला रेलवे, माथेरान हिल रेलवे सहित कई हैरिटेज ट्रेनें हैं.
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