नयी दिल्ली : भारत के ओलिंपिक और पैरालिंपिक स्टार्स के खेल में उपयोग किये गये सामनों ने पीएम मोदी के स्मृति चिह्न नीलामी में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इन सामानों की नीलामी से मिलने वाली राशि का उपयोग नमामी गंगे परियोजना में किया जाना है. नीलामी में सबसे बड़ी बोली भारतीय महिला मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन के दस्ताने की लगी है.
टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली लवलीना बोर्गोहेन की बॉक्सिंग ग्लव्स के लिए अब तक सबसे बड़ी बोली 1.92 करोड़ रुपये की लगी है. इसका बेस प्राइज 80 लाख रुपये रखा गया था. वहीं भाला फेंक में स्वर्ण जीतने वाले नीरज चोपड़ा का भाला की बोली 1.55 करोड़ रुपये से अधिक की लगी. इसका बेस प्राइस 1 करोड़ रुपये रखा गया है.
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पैरालिंपियन कृष्णा नागर और एस एल यतिराज के बैडमिंटन रैकेट और ओलंपिक में सीए भवानी देवी द्वारा इस्तेमाल किये गये तलवार को 10-10 करोड़ रुपये की बोली मिली थी, लेकिन शाम को जब बोलियों की समीक्षा की गयी तो वे नकली पाई गईं. अब तक, नागर और यतिराज के बैडमिंटन रैकेट के लिए उच्चतम बोली क्रमशः 80 लाख रुपये और 50 लाख रुपये है, जो उनके आधार मूल्य के बराबर है.
देवी द्वारा इस्तेमाल की गयी तलवार की बोली भी 60 लाख रुपये थी, जो उसका आधार मूल्य था. देवी टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय फेंसर हैं. टोक्यो पैरालिंपिक में स्वर्ण पदक विजेता सुमित अंतिल द्वारा ऑटोग्राफ दिये गये भाला को इसके आधार मूल्य 1 करोड़ रुपये के मुकाबले 1,00,08,000 रुपये की बोली मिली है.
टोक्यो पैरालंपिक खेलों में मिश्रित 50 मीटर पिस्टल SH1 फाइनल में स्वर्ण पदक जीतने वाले मनीष नरवाल द्वारा पहने गए शार्प-शूटिंग ग्लास को दोपहर के दौरान 95.94 लाख रुपये की उच्चतम बोली मिली, लेकिन अंत में इसकी समीक्षा 20 लाख रुपये कर दी गयी. उन्होंने प्रधानमंत्री को शूटिंग के चश्मे भेंट किये थे.
एक बैडमिंटन रैकेट और टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता पीवी सिंधु के बैग को इसके आधार मूल्य 80 लाख रुपये के मुकाबले 90.02 लाख रुपये की बोली मिली. इस दौर में करीब 1,330 स्मृति चिन्हों की ई-नीलामी की जा रही है. नीलामी शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर शुरू हुई. सबसे कम कीमत वाली वस्तु 200 रुपये में एक छोटे आकार का सजावटी हाथी है.
Posted By: Amlesh Nandan.