हिजाब विवाद (HIjab Row) को लेकर एक ओर विरोध-प्रदर्शन चल रहा है तो दूसरी ओर राजनीतित गलियारों में भी अलग-अलग बयान आ रहे हैं. हिजाब को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने उत्तराखंड में कहा है कि मुस्लिम समुदाय को शिक्षा की जरूरत है, हिजाब की नहीं. उन्होंने कहा कि एक शिक्षक को कैसे पता चलेगा कि कोई छात्र समझ रहा है या नहीं, अगर उन्होंने हिजाब पहन रखा है.
#WATCH एक शिक्षक को कैसे पता चलेगा कि कोई छात्र समझ रहा है या नहीं, अगर उन्होंने हिजाब पहन रखा है? मुस्लिम समुदाय को शिक्षा की जरूरत है, हिजाब की नहीं: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, उत्तराखंड pic.twitter.com/KA8KXBpVEm
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 11, 2022
वहीं, इससे पहले हिजाब विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दी गई थी. जिसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह देख रहा है कि कर्नाटक में क्या हो रहा है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों से कहा कि इसे राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा न बनाएं. सही समय पर सुप्रीम कोर्ट इसपर हस्तक्षेप करेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से मना किया। pic.twitter.com/bDpdJtSqSQ
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गौरतलब है कि, हिजाब मामले में कर्नाटक हाइकोर्ट ने छात्रों से कहा कि मामले के निबटारे तक उन्हें शैक्षणिक संस्थानों में इस प्रकार की धार्मिक चीजें पहनने की जिद नहीं करनी चाहिए. मुख्य न्यायाधीश ऋतुराज अवस्थी की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि वह चाहती है कि मामले को जल्द सुलझाया जाए, लेकिन तब तक अमन बनाये रखना चाहिए.
गौरतलब है कि हिजाब विवाद को लेकर एक और जहां सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जा रहा है तो वहीं पडोसी देश पाकिस्तान ने मामले को लेकर भारत के दूतावास प्रभारी को विदेश मंत्रालय में तलब किया था, पाकिस्तान ने कर्नाटक में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध को लेकर सरकार की चिंता से अवगत कराया है. हालांकि भारत ने इसपर कड़ा विरोध जताया है. भारतीय राजनयिक ने पाक को कहा है कि वह पहले अपना खुद का ट्रैक रिकॉर्ड देखे.
Posted by: Pritish Sahay