Hijab Row: हिजाब विवाद को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि हिजाब पहनना इस्लाम धर्म में अनिवार्य प्रथा नहीं है. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रितु राज अवस्थी की अगुवाई वाली पीठ ने इस मामले में कहा कि, कोर्ट का मानना है कि मुस्लिम महिलाओं द्वारा हिजाब पहनना इस्लामी आस्था में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है.
हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं फैसला सुनाने से पहले कोर्ट ने हिजाब से जुड़े तीन सवालों के जवाब दिए.
पहला सवाल- क्या इस्लाम के तहत हिजाब पहनना अनिवार्य धार्मिक प्रथा है?
कोर्ट का जवाब- हिजाब पहनना इस्लाम में जरूरी धार्मिक रिवाज का हिस्सा नहीं है.
दूसरा सवाल- क्या स्कूल यूनिफॉर्म का निर्देश अधिकारों का उल्लंघन है.
कोर्ट का जवाब- स्कूल यूनिफॉर्म का प्रिस्क्रिप्शन एक उचित प्रतिबंध है. इसपर कोई छात्र आपत्ति नहीं कर सकते.
तीसरा सवाल- क्या सरकार के पास आदेश जारी करने का अधिकार है.
कोर्ट का जवाब- अदालत ने कहा कि सरकार के पास आदेश जारी करने का अधिकार है.
कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब मामले में कहा है कि, इस्लाम धर्म में मुस्लिम महिलाओं के लिए हिजाब पहनना आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं हैं. स्कूल यूनिफॉर्म पहनने से कोई भी छात्र-छात्राएं आपत्ति नहीं जता सकते. वहीं कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार के पास स्कूल यूनिफॉर्म को लेकर आदेश जारी करने का अधिकार है.
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कोर्ट के फैसले पर कहा है कि वो इस फैसले का स्वागत करती हैं. उन्होंने कहा कि, जहां ड्रेस कोड लागू है जहां सभी बच्चों का पालन करना चाहिए.
मैं कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले का स्वगात करती हूं। जहां ड्रेस कोड लागू है वहां सभी बच्चों को पालन करना चाहिए। बच्चों को वापस स्कूल जाना चाहिए और इन सब में नहीं पड़ना चाहिए। बच्चों का इन सब में बहुत समय बर्बाद हुआ है और अपनी पढ़ाई की ओर लौटें: NCW अध्यक्ष रेखा शर्मा, दिल्ली pic.twitter.com/bblnWpFb9w
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 15, 2022
वहीं, पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा कि, हिजाब पर जो फैसला कोर्ट ने कायम रखा है वो बहुत ही निराश करने वाला फैसला है. एक लड़की और एक महिला को ये भी अधिकार नहीं है कि वो क्या पहनें और क्या नहीं पहने.
हिजाब पर जो फैसला कोर्ट ने कायम रखा है वो बहुत ही निराश करने वाला फैसला है। एक लड़की और एक महिला को ये भी अधिकार नहीं है कि वो क्या पहने और क्या नहीं पहने: PDP अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर pic.twitter.com/NxjvrQaGWa
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 15, 2022
वहीं, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कोर्ट के फैसले पर कहा कि, हम कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं है. यह संविधान के अनुच्छेद 15 की अवहेलना करता है. हाई कोर्ट ने कहा है कि हिजाब आवश्यक धार्मिक अभ्यास नहीं है लेकिन इसका निर्णय कौन करेगा.
हम कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं है। यह संविधान के अनुच्छेद 15 की अवहेलना करता है। हाई कोर्ट ने कहा है कि हिजाब आवश्यक धार्मिक अभ्यास नहीं है लेकिन इसका निर्णय कौन करेगा? इस फैसले के ख़िलाफ़ हम इसलिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे: AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी pic.twitter.com/OZzWJ3Clb5
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 15, 2022
Posted by: Pritish Sahay