Himachal Pradesh Political Crisis : राज्यसभा चुनाव के बाद से हिमाचल प्रदेश की राजनीति गरमा गई है. इस बीच मीडिया में खबर आई कि प्रदेश के सीएम सुक्खू ने इस्तीफे की पेशकश की है. इस खबर के बाद सुक्खू ने मामले पर प्रतिक्रिया दी और खबर का खंडन किया. उन्होंने कहा कि मैंने इस्तीफा नहीं दिया है. हमारे पास बहुमत है. हमारी सरकार पूरे पांच साल तक चलेगी. आपको बता दें कि बुधवार को हिमाचल प्रदेश के मंत्री और कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने स्पष्ट बहुमत के बावजूद राज्य में राज्यसभा चुनाव हारने के एक दिन बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया जिससे कांग्रेस की टेंशन बढ़ चुकी है. उन्होंने इस्तीफा देने के बाद पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए और कहा कि हमारी अनदेखी की गई है. विक्रमादित्य के इस्तीफे की जानकारी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लकार्जुन खरगे को दे दी है. इस बीच लोगों के मन में सवाल आ रहा है कि आखिर कौन हैं विक्रमादित्य सिंह और उनके इस्तीफे के बाद हिमाचल प्रदेश की राजनीति में क्या होगा? तो आइए जानते हैं इसके बारे में…
कौन हैं विक्रमादित्य सिंह?
विक्रमादित्य सिंह की बात करें तो वे हिमाचल कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह के बेटे हैं. यही नहीं वह हिमाचल प्रदेश के दिवंगत पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के पुत्र भी हैं. 22 जनवरी को, उन्होंने अयोध्या में उत्सव में भाग लेकर राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह पर कांग्रेस नेतृत्व के रुख को खारिज करने का काम किया था. अयोध्या में, उन्हें बीजेपी के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार का राज्य अतिथि घोषित किया गया था. उन्होंने अयोध्या का दौरा करने से पहले कहा था कि ऐतिहासिक दिन का हिस्सा बनने का जीवन में एक बार अवसर मिलता है. 1989 में जन्मे विक्रमादित्य सिंह शिमला ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं. वे पूर्व बुशहर रियासत के राजा हैं. विक्रमादित्य सिंह ने दिल्ली के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास की पढ़ाई की है. वह दो बार हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर चुके हैं. वह 2013 और 2017 के बीच हिमाचल प्रदेश राज्य युवा कांग्रेस के प्रमुख रह चुके हैं.
कांग्रेस के पास 40 विधायक
यहां चर्चा कर दें कि हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एकमात्र सीट जीतने के एक दिन बाद यानी बुधवार को जय राम ठाकुर के नेतृत्व में बीजेपी विधायक दल के सदस्यों ने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात की. इसके बाद खबर आई कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर सहित बीजेपी के 15 विधायकों को निलंबित कर दिया और फिर सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. हिमाचल में विधानसभा की 68 सीट है जिसमें से कांग्रेस के पास 40 जबकि बीजेपी के पास 25 सीट हैं. बाकी तीन सीट पर निर्दलीयों का कब्जा है. अब देखना होगा कि प्रदेश की राजनीति में क्या होता है.
हिमाचल प्रदेश में गिर जाएगी कांग्रेस सरकार? मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दिया इस्तीफा
छह विधायकों ने कांग्रेस के खिलाफ मतदान किया
राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार हर्ष महाजन ने कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी को हरा दिया है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों उम्मीदवारों को 34 मत मिले जिससे संकेत मिलते हैं कि कांग्रेस के छह विधायकों ने पार्टी के खिलाफ मतदान किया. इसके बाद ‘ड्रॉ’ किया गया और चुनाव के परिणाम घोषित किए गये.