कुल्लू (himachal pradesh weather) : उबड़-खाबड़ रास्ते, कंधे पर बांसों के सहारे कुर्सी और कुर्सी पर मरीज. ऐसे ही कई-कई किलोमीटर तक चलना. तब मिलेगी असेपताल जाने के लिए गाड़ी. जिले की सैंज घाटी के ग्रामीणों का यह दर्द दूर नहीं हो पा रहा. सोमवार को भी एक मरीज को इसी तरह अस्पताल पहुंचाया गया जिसके पैर में असहनीय दर्द हो रहा था. सरकार है कि हमेशा दावा करती है कि जल्दी ही सड़क बना दी जाएगी…पर बीमारी में ग्रामीणों को सड़क का न होना बहुत खलता है.
दुर्गम ग्राम पंचायत गाड़ापारली के मेल गांव के एक युवक को पैर में तेज दर्द शुरू हुआ तो परिजनों ने उपचार के लिए ले जाने का निर्णय लिया. परिजनों ने ग्रामीणों की मदद से युवक को सात किलोमीटर दूर निहारणी स्थित सड़क तक पहुंचाया. उसके बाद मरीज को वाहन से क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू ले जाया गया. गौर रहे कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़े-बड़े दावे हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की सैंज घाटी में बेमानी दिखते हैं.
यहां कोई व्यक्ति बीमार हो जाए तो उसे पालकी या कुर्सी पर उठाकर अस्पताल तक पहुंचाना पड़ता है. गांव तक सड़क न होने के कारण ग्रामीण ऊबड़-खाबड़ रास्ते से मरीजों को कुर्सी पर बिठाकर सड़क तक लाने को मजबूर हैं. वार्ड पंच रमेश चंद ठाकुर, ग्रामीण धर्मपाल, छप्पे राम, चेतराम, प्रकाश, देवराज ने कहा है ग्रामीण कई बार सड़क की मांग सरकार और लोनिवि से कर चुके हैं. इसके बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है.
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ग्रामीणों ने कहा कि गांव में नेटवर्क की समस्या भी रोजाना बनी रहती है. वहीं, गाड़ापारली पंचायत के पूर्व प्रधान लिखत राम ठाकुर ने कहा कि 32 वर्षीय ध्यान सिंह ठाकुर को पैर दर्द के कारण कुर्सी पर उठाकर उपचार के लिए ले जाना पड़ा. गांव तक सड़क होती, तो परिजनों व ग्रामीणों को समस्या से न जूझना पड़ता.
Posted By : Amitabh Kumar