असम के नये मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा होंगे. इस ऐलान के साथ ही लंबे समय से चली आ रही चर्चा खत्म हो गयी. गुवाहाटी में हुई विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर सहमति बन गयी है. हिमंत बिस्वा जल्द ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे सर्बानंद सोनोवाल ने राज्यपाल जगदीश मुखी को इस्तीफा सौंप दिया है.
असम में भाजपा की मिली जीत में हिमंत बिस्वा की प्रमुख भूमिका है. पार्टी आलाकमान भी लंबे समय तक इस कश्मकस में रही कि कौन होगा असम का मुख्यमंत्री दोनों को दिल्ली बुलाया गया था. दोनों से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने अलग- अलग फिर साथ बैठाकर बातचीत की. आज रविवार को होने वाली विधायक दल की बैठक में हिमंत का नाम आगे कर दिया गया.
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हिमंत की नेतृत्व क्षमता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि असम की जालुकबारी विधानसभा सीट से लगातार पांचवीं बार वह विधायक चुने गये हैं. साल 2015 में वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे. पार्टी ने भी उनकी कार्यशैली और रणनीति को देकर उन्हें समय – समय पर मौका दिया.
2016 में असम विधानसभा चुनाव जीतने के ठीक बाद हिमंत को बीजेपी ने नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (NEDA) का अध्यक्ष बना दिया गया था. इसी साल 2016 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव में असम में बीजेपी की जीत में इनकी अहम भूमिका मानी जाती है. किसी भी मुद्दे पर हिमंत खुलकर अपनी राय रखेत हैं चाहें वो मसला एनआरसी – सीएए का हो या मौजूदा समय में कोरोना संक्रमण की वजह से आ रही परेशानी का .
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1 फरवरी 1969 को हिमंत का जन्म जोरहाट में हुआ था. अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत उन्होंने कांग्रेस पार्टी से की थी 2001 से 2015 तक जालुकबारी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे, अगस्त 2015 में वह भाजपा के साथ आ गये साल 2016 में विस चुनाव जीतने के बाद कैबिनेट मंत्री बने. उन्हें वित्त, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, शिक्षा, योजना और विकास, पर्यटन, पेंशन और लोक शिकायत जैसे विभाग दिये गये थे. सरमा के परिवार में मां मृणालिनी देवी, पत्नी रिनिकी भुयान और दो बच्चे हैं.