पीपीई किट (PPE Kit) घोटाले के आरोप का असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिश्व शर्मा (Himanta Biswa Sarma) ने खंडन किया. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि पीपीई किट सरकार को उपहार के तौर पर दी गई थी, और उनकी पत्नी की कंपनी ने इसके लिए कोई बिल नहीं लिया है. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि कोविड लहर के दौरान असम के पास एक भी पीपीई किट नहीं थी, इस दौरान मेरी पत्नी ने आगे आने का साहस किया और पीपीई किट मुफ्त में दान की, जिससे लोगों के जीवन को बचाया जा सके. हालांकि एनएचएम ने आदेश जारी किया था, लेकिन कंपनी ने बीना पैसे लिए पीपीई किट अमस सरकार को दिए थे. वहीं, सरमा ने मनीष सिसोदिया को जल्द आपराधिक मानहानि का सामना करने की भी चेतावनी दी है.
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— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) June 4, 2022
आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने सरमा के ट्वीट के जवाब में एनएचएम असम के एक बिल को टैग करते हुए कहा कि सरमा ने कोविड-19 आपात स्थिति का लाभ उठाया है. उनकी पत्नी की जेसीबी इंडस्ट्रीज के नाम 990 रुपये प्रति किट के हिसाब से 5000 किट ख़रीदने का कॉन्ट्रैक्ट है. बताइए क्या यह काग़ज़ झूँठा है? क्या स्वास्थ्य मंत्री रहते अपनी पत्नी की कम्पनी को बिना टेंडर खरीद के आदेश देना भ्रष्टाचार नहीं है.
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आप नेता मनीष सिसोदिया ने शनिवार को मीडिया में आई खबरों का हवाला देते हुए आरोप लगाया था कि भारत में जब कोविड महामारी से जूझ रहा था, तब असम के स्वास्थ्य मंत्री रहे हिमंत बिस्व सरमा ने अपनी पत्नी और बेटे के व्यापारिक साझेदारों की कंपनियों को पीपीई किट की आपूर्ति करने के लिए ठेके दिये थे. उन्होंने कहा कि दो वेबसाइट ने इस खबर पर काम किया और दो दिन पहले इसे प्रकाशित किया था. दो डिजिटल मीडिया संस्थान द वायर और द क्रॉस करंट की एक संयुक्त रिपोर्ट में दावा किया गया है कि असम सरकार ने उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना कोविड-19 संबंधित चार आपातकालीन चिकित्सा आपूर्ति के ऑर्डर दिए थे.