असम में बाढ़ (Assam floods) की स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन जुलाई में भी बाढ़ की स्थिति देखी जा रही है. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (CM Himanta Biswa Sarma) ने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य में जलस्तर कुछ कम हुआ है. लेकिन अरुणाचल प्रदेश और भूटान में बारिश होगी तो असम में एक बार फिर बाढ़ आने की संभावना है. इसलिए हम 15 अप्रैल से 15 अगस्त को एक खतरनाक अवधि मानते है.
The situation has improved but July too sees a flood situation. Water level has receded a little. But when it will rain in Arunachal Pradesh and Bhutan, there will be chances of flood here once again. So, we consider 15th April – 15th August a dangerous period: Assam CM HB Sarma pic.twitter.com/0iNBAM13Ad
— ANI (@ANI) June 30, 2022
मुख्यमंत्री सरमा ने बाढ़ प्रभावित जिलों के उपायुक्तों के साथ एक वीसी आयोजित किया. इस दौरान सरमा ने राहत उपायों को तेज करने और सभी प्रभावित लोगों को पर्याप्त मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए कहा है. साथ ही बाढ़ से प्रभावित लोगों को 15 जुलाई तक नुकसान की सूची तैयार करने के निर्देश दिए है, ताकि 20 जुलाई तक मंत्रालय द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित किया जा सके और 25 जुलाई तक भुगतान किया जा सके. इस दौरान सरमा ने कहा कि कोई भी वास्तविक प्रभावित व्यक्ति डीसी द्वारा बनाई जाने वाली सूची से बाहर नहीं होना चाहिए और कोई गैर-वास्तविक नाम शामिल नहीं किया जाना चाहिए.
सरमा ने कहा कि हम सभी प्रभावित लोगों को राहत और मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. राहत शिविरों और बांधों, सड़कों आदि पर बने अन्य आश्रय स्थलों में रहने वाले प्रत्येक परिवार को अगले 3 से 4 दिनों में 3,800 रुपये का भुगतान करने के निर्देश दिए है. वहीं, सरकार उन छात्रों को 1,000 रुपये प्रदान करेगी जिनकी अध्ययन सामग्री बाढ़ के पानी से क्षतिग्रस्त हो गई थी. टास्क फोर्स द्वारा 8 अगस्त तक पशुधन और अन्य नुकसान की सूची प्रस्तुत करेगी, ताकि 15 अगस्त तक उन्हें भी मुआवजा दिया जा सके.
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एएसडीएमए के अधिकारियों के मुताबिक राज्यम में बाढ़ के कारण 31 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. जबकि पिछले 24 घंटों में 12 और मौतें हुई हैं, जिससे बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 151 हो गई है. अधिकारियों की माने तो कछार के सिलचर शहर के कई हिस्सों में गुरुवार को पिछले कुछ दिनों में सबसे ज्यादा पानी भरे रहे हैं.