Hindenburg Report: हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस सड़क से संसद तक संघर्ष करेगी. मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक बड़ी बैठक के बाद तय किया गया कि 22 अगस्त को राष्ट्रीय स्तर पर प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर के बाहर सेबी प्रमुख को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया जायेगा. कांग्रेस पार्टी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी ग्रुप के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच संयुक्त संसदीय समिति(जेपीसी) से कराने की मांग की है. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पार्टी के कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि 22 अगस्त को कांग्रेस कार्यकर्ता प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर का घेराव सभी राज्यों में करेंगे. मंगलवार को राष्ट्रीय महासचिवों राज्यों के प्रभारी और प्रदेश अध्यक्षों की बैठक में देश के सबसे बड़े घोटाले में अडानी और सिक्योरिटी एक्सजेंच बोर्ड ऑफ इंडिया(सेबी) के भूमिका के जांच की सख्त जरूरत है. हिंडनबर्ग रिपोर्ट से साफ जाहिर होता है कि यह देश का सबसे बड़ा घोटाला है. वेणुगोपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस घोटाले में शामिल हैं, ऐसे में पार्टी ने राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन चलाने का फैसला लिया है. पार्टी इस मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति से कराने और सेबी प्रमुख के इस्तीफा चाहती है.
बैठक में अन्य मुद्दों पर भी हुई चर्चा
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में हुई बैठक में वायनाड में आए भूस्खलन के अलावा हिमाचल और उत्तर-पूर्व के राज्यों में आयी बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने, जातिगत जनगणना कराने की मांग के मुद्दे पर चर्चा की गयी. साथ ही बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति को देखते हुए अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार से हर संभव कदम उठाने को कहा गया. बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले को लेकर चिंता जाहिर की गयी और सरकार से इस दिशा में ठोस कदम उठाने को कहा गया.
गरीबों और मध्यम वर्ग की सरकार को नहीं है चिंता
बैठक को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि केंद्र सरकार बेरोजगारी, महंगाई को काबू करने में विफल रही है. सरकार संविधान पर लगातार हमला कर रही है और संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है. इस बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी मौजूद रहे. गौरतलब है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग तेज हो गयी है. भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस देश में आर्थिक अराजकता फैलाने के लिए विदेशी ताकतों के साथ मिलकर साजिश रच रही है.