Hindenburg Research: अमेरिकी शोध और निवेश फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में माधवी बुच और उनके पति धवल पर अदाणी से जुड़ी विदेशी कोष में हिस्सेदारी होने का आरोप लगाया. हिंडनबर्ग ने आगे कहा, यही कारण है कि अदाणी समूह के खिलाफ कार्रवाई करने में पूंजी बाजार नियामक सेबी ने अनिच्छा जताई थी.
Hindenburg Research: कौन हैं माधवी बुच?
माधवी बुच बाजार नियामक सिक्युरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की चेयरपर्सन हैं. माधवी ने 1989 में आईसीआईसीआई बैंक के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी. उसके बाद 1993 से 95 तक वेस्ट चेशायर कॉलेज इंग्लैंड में लेक्चरर के तौर पर काम किया. उसके बाद कई संस्थानों में बड़े पोस्ट पर उन्होंने काम किया. 2017 में उन्हें सेबी के पूर्णकालिक सदस्य के तौर पर नियुक्त किया गया. 2022 में उन्हें सेबी के अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त किया गया.
Hindenburg Research: हिंडनबर्ग पर माधवी पुरी ने किया पलटवार, चरित्र हनन करने का लगाया आरोप
बाजार नियामक सेबी की प्रमुख माधवी पुरी बुच एवं उनके पति ने रविवार को कहा कि अमेरिकी शोध एवं निवेश फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च सेबी की विश्वसनीयता पर हमला करने और चेयरपर्सन का चरित्र हनन करने की कोशिश कर रही है. हिंडनबर्ग के इन आरोपों के जवाब में बुच दंपति ने कहा कि आईआईएफएल वेल्थ मैनेजमेंट के एक फंड में उनका निवेश सिंगापुर स्थित निजी नागरिक के रूप में किया गया था. उन्होंने यह भी कहा कि माधवी के सेबी में पूर्णकालिक सदस्य के रूप में शामिल होने से दो साल पहले यह निवेश किया गया था. दंपति ने कहा कि 2019 से ब्लैकस्टोन में वरिष्ठ सलाहकार धवल निजी इक्विटी फर्म के रियल एस्टेट पक्ष से नहीं जुड़े हैं. 2017 में सेबी में पूर्णकालिक सदस्य के रूप में माधवी की नियुक्ति के तुरंत बाद उनकी दो परामर्श कंपनियां निष्क्रिय हो गईं थीं. उन्होंने कहा, भारत में कई तरह के नियामकीय उल्लंघनों के लिए हिंडनबर्ग को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नोटिस का जवाब देने के बजाय उसने सेबी की विश्वसनीयता पर हमला करने और सेबी चेयरपर्सन के चरित्र हनन की कोशिश करने का विकल्प चुना है.
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माधवी बुच पर हिंडनबर्ग ने क्या लगाया आरोप?
हिंडनबर्ग ने शनिवार रात को जारी एक रिपोर्ट में संदेह जताया है कि अदाणी समूह के खिलाफ कार्रवाई करने में पूंजी बाजार नियामक सेबी की अनिच्छा का कारण सेबी प्रमुख और उनके पति धवल बुच की अदाणी समूह से जुड़े विदेशी कोष में हिस्सेदारी हो सकती है. हिंडनबर्ग के मुताबिक, माधवी और उनके पति ने बरमूडा और मॉरीशस में अस्पष्ट विदेशी कोषों में अघोषित निवेश किया था. उसने कहा कि ये वही कोष हैं जिनका कथित तौर पर विनोद अदाणी ने पैसों की हेराफेरी करने और अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमतें बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया गया था. विनोद अदाणी, अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी के बड़े भाई हैं. हिंडनबर्ग ने जनवरी, 2023 में जारी अपनी पिछली रिपोर्ट में अदाणी समूह पर वित्तीय लेनदेन में गड़बड़ी और शेयरों की कीमतें चढ़ाने के लिए विदेश कोष के दुरुपयोग के आरोप लगाए गए थे. हालांकि अदाणी समूह ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि वह नियामकीय प्रावधानों का पालन करता है.