Hindi Diwas 2020: कोरोना काल में बढ़ता गया दबदबा, सोशल मीडिया की खास भाषा बनी हिंदी
कोरोना संकट से देश दुनिया परेशान है. हर दिन बढ़ते जा रहे संक्रमण के मामले ने नई परेशानी खड़ी की है. खास बात यह है कि कोरोना संकट हिंदी के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. भारत में कोरोना संकट के कारण लॉकडाउन लगा और लोगों घरों में कैद हो गए. अभी अनलॉक-4 जारी है. लेकिन, लॉकडाउन के दौरान लोगों ने इंटरनेट को ज्यादा यूज करना शुरू कर दिया था. ऑफिस मीटिंग्स से लेकर दोस्तों से बातचीत के लिए सोशल मीडिया का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल होने लगा था. यहां यह बताना बेहद जरूरी है कि कोरोना काल में इंटरनेट इस्तेमाल करने का समय भी बढ़ा. लॉकडाउन के दौरान हर सेकंड 12 यूजर्स सोशल मीडिया से जुड़े. डेटा रिपोर्टल के मुताबिक भारत में एक यूजर दो घंटे से ज्यादा वक्त सोशल मीडिया पर गुजार रहा था. इसमें महिलाएं पुरुषों से आगे है. यह सिलसिला अनलॉक-4 में भी जारी है.
कोरोना संकट से देश दुनिया परेशान है. हर दिन बढ़ते जा रहे संक्रमण के मामलों ने नई परेशानी खड़ी की है. खास बात यह है कि कोरोना संकट हिंदी के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. भारत में कोरोना संकट के कारण लॉकडाउन लगा और लोग घरों में कैद हो गए. अभी अनलॉक-4 जारी है. लेकिन, लॉकडाउन के दौरान लोगों ने इंटरनेट को ज्यादा यूज करना शुरू कर दिया था. ऑफिस मीटिंग्स से लेकर दोस्तों से बातचीत के लिए सोशल मीडिया का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल होने लगा था. यहां यह बताना बेहद जरूरी है कि कोरोना काल में इंटरनेट इस्तेमाल करने का समय भी बढ़ा. लॉकडाउन के दौरान हर सेकंड 12 यूजर्स सोशल मीडिया से जुड़े. डेटा रिपोर्टल के मुताबिक भारत में एक यूजर दो घंटे से ज्यादा वक्त सोशल मीडिया पर गुजार रहा था. इसमें महिलाएं पुरुषों से आगे रहीं. यह सिलसिला अनलॉक-4 में भी जारी है.
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सोशल मीडिया पर दिखा हिंदी का दबदबा
कुछ महीनों के सोशल मीडिया के पोस्ट पर नजर डालें तो अंग्रेजी की जगह हिंदी का चलन बढ़ा है. लोग कविताएं, कहानियों से लेकर किसी मुद्दे पर चर्चा भी करते दिख रहे हैं. भारत में सोशल मीडिया पर मुश्किल से अंग्रेजी के पोस्ट नजर आते हैं. सोशल मीडिया पर ज्यादा से ज्यादा हिंदी में लिखा और पढ़ा जा रहा है. शुरुआत में सोशल मीडिया की भाषा अंग्रेजी हुआ करती थी. लॉकडाउन के दौरान हिंदी का दबदबा बढ़ा. यूजर्स हिंदी में अपनी बातों को रख रहे हैं. हिंदी भाषा सोशल मीडिया पर पैठ बनाती जा रही है. इसको देखते हुए सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर मौजूद एप्स भी हिंदी भाषा के हिसाब से कई सारी तब्दलियां करती रही है. कई विदेशी मालिकाना वाले सोशल मीडिया प्लेटफार्म को हिंदी यूजर्स का ख्याल रखना पड़ रहा है. सोशल मीडिया पर ज्यादा से ज्यादा हिंदी का इस्तेमाल हो रहा है. सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक, ट्विटर से लेकर गूगल और इंस्टाग्राम पर भी हिंदी में लिखने का चलन बढ़ता जा रहा है.
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मोबाइल यूजर्स को सबसे पसंद हिंदी भाषा
कोरोना संकट में जूम, स्काईप और फेसबुक-इंस्टाग्राम पर हिंदी के लाइव सेशन्स बढ़ते गए. यह सिलसिला अनलॉक-4 में भी जारी है. साहित्य जगत की चर्चा हो या किसी मुद्दे पर अपनी बातों को रखना. हिंदी सबसे मुफीद भाषा बनती दिख रही है. जिस लिहाज से कोरोना संकट में हिंदी का चलन सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर बढ़ा है, उसने हिंदी भाषा के उज्जवल भविष्य की उम्मीद जरूर बढ़ाई है. खास बात यह है कि बढ़ते मोबाइल फोन के इस्तेमाल ने हिंदी को आगे बढ़ने में काफी मदद की है. हर हाथ में मोबाइल रहने से लोग बात करने के अलावा हिंदी में मैसेज भी भेज रहे हैं. हिंदी नहीं लिखने वाले भी रोमन में हिंदी को लिखकर अपनी बातों को कह रहे हैं. यह हिंदी के बढ़ते दबदबा का परिणाम है. सही मायनों में हिंदी हिंदुस्तान के माथे पर बिंदी है.