दुष्कर्म पीड़िता किशोरी से बिना मिले अस्पताल से लौटीं स्वाति मालीवाल, गृहमंत्री अमित शाह को लिखा पत्र

अस्पताल से निकलने के बाद स्वाति मालीवाल ने एक्स पर एक पोस्ट किया, जो दिल्ली में महिला सुरक्षा पर सवाल उठाते हैं. स्वाति मालीवाल ने पोस्ट किया- अभी एक परिवार से मिली. इनका आरोप है कि इनकी 42 साल की बेटी को उसका लिव इन पार्टनर बेल्ट से मारता था और उसने उनका मर्डर कर दिया है.

By Rajneesh Anand | August 22, 2023 4:38 PM
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दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल आज उस दोपहर उस अस्पताल से चली गई जहां एक रेप विक्टिम से मिलने के लिए वे कल रात धरना पर बैठ गयी थीं. स्वाती मालीवाल सोमवार दोपहर को रेप पीड़िता किशोरी से मिलने अस्पताल पहुंचीं थीं, लेकिन उन्हें उससे मिलने नहीं दिया गया था. स्वाति मालीवाल ने एक्स पर पोस्ट लिखा -दिल्ली में जिस WCD अधिकारी ने बच्ची का रेप किया उसके ख़िलाफ एफआईआर दर्ज होने के आठ दिन तक उसे गिरफ्तार नहीं किया गया. मैं अस्पताल में बच्ची से मिलने गई तो मुझे बच्ची या उसके परिवार से मिलने से रोका गया. इसके बाद बच्ची को न्याय दिलाने के लिए स्वाति मालीवाल ने गृहमंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कई मांग रखी है.


स्वाति मालीवाल ने अमित शाह से की ये तीन मांग

स्वाति मालीवाल ने अमित शाह से यह मांग की है कि उन्हें दुष्कर्म पीड़िता से मिलने दिया जाये, ताकि दिल्ली महिला आयोग बच्ची और उसके परिजनों को सहायता दे सके. स्वातिमालीवाल ने गृहमंत्री अमित शाह से यह मांग की है कि बच्ची का इलाज एम्स में हो या एम्स की टीम बच्ची को देखे. साथ ही एफआईआर दर्ज होने के बाद दिल्ली पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी में देरी क्यों की इसपर भी जांच की जानी चाहिए.

महिला सुरक्षा पर सवाल

अस्पताल से निकलने के बाद स्वाति मालीवाल ने एक्स पर एक पोस्ट किया, जो दिल्ली में महिला सुरक्षा पर सवाल उठाते हैं. स्वाति मालीवाल ने पोस्ट किया- अभी एक परिवार से मिली. इनका आरोप है कि इनकी 42 साल की बेटी को उसका लिव इन पार्टनर बेल्ट से मारता था और उसने उनका मर्डर कर दिया है. कल मामला रिपोर्ट हुआ पर अभी तक दिल्ली पुलिस ने एफआईआर नहीं की है. महिला आयोग पुलिस को नोटिस इश्यू कर रहा है और अविलंब इसपर एफआईआर की मांग करेगा.

अस्पताल में धरना पर बैठीं स्वाति मालीवाल

स्वाती मालीवाल ने इस बात का विरोध किया और कहा कि जब पीड़िता की मां से मिलने दिया जा रहा है, तो उससे क्यों नहीं. इसके विरोध में वे अस्पताल में धरना पर बैठ गई थीं और पूरी रात वहीं बिताया था. वे फर्श पर सो गई थीं. आरोप है कि किशोरी से दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग में उपनिदेशक प्रेमोदय खाखा ने नवंबर 2020 और जनवरी 2021 के बीच कई बार रेप किया. अधिकारी की पत्नी पर भी पीड़िता को गर्भपात के लिए दवाएं देने का आरोप लगाया गया है. घटना के संबंध में अधिकारी और उसकी पत्नी से पूछताछ की गई है.

बेटियों की कीमत पर राजनीति उचित नहीं

स्वाति मालीवाल ने यह कहा कि मामले में आगे की कार्रवाई के लिए लड़की और उसकी मां से मिलना जरूरी है. स्वाति मालीवाल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया -अगर मैं लड़की से मिलने नहीं आती, तो वे कहते कि मैंने उससे मिलने की जहमत नहीं उठाई. लेकिन जब मैं यहां हूं, तो वे कह रहे हैं कि यह नाटक है. राजनीति इस स्तर तक गिर गई है कि नेता सच बोल ही नहीं सकते. उन्होंने पोस्ट किया कि बेटियों की कीमत पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.

निलंबित किये गये प्रेमोदय खाखा

गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आदेश पर प्रेमोदय खाखा को निलंबित कर दिया गया है. मुख्यमंत्री के आदेश के अनुसार निलंबन अवधि के दौरान प्रेमोदय खाखा को मुख्यालय से बाहर जाने की इजाजत नहीं होगी. पुलिस उपायुक्त (उत्तर) सागर सिंह कलसी ने बताया कि प्रेमोदय की पत्नी सीमा रानी को सोमवार को अदालत में पेश किया गया था और वहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया, जबकि खाखा को मंगलवार को अदालत में पेश किया जाएगा. सीमा रानी पर यह आरोप है कि उसने किशोरी को तब गर्भपात की दवाइयां दी जब वह गर्भवती हो गयी थी. प्रेमोदय खाखा पर जिस बच्ची के साथ दुष्कर्म का आरोप है वो उनके दोस्त की बच्ची है.

दिल्ली महिला आयोग के पास दर्ज हुए 38 हजार से अधिक केस

स्वाती मालीवाल लगातार ये कह रही हैं कि दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं. कानून-व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर हो गयी है. उनके इस बयान में कितनी सच्चाई है यह आंकड़े बताते हैं. गौरतलब है कि साल 2022 में दिल्ली महिला आयोग के पास 38 हजार मामले दर्ज हुए जो घरेलू हिंसा के थे, जबकि पांच हजार आठ सौ मामले रेप और यौन उत्पीड़न के थे. यह सारे मामले आयोग को हेल्पलाइन नंबर 181 पर मिले. वहीं महिला आयोग के पास पाक्सो एक्ट के तहत तीन हजार छह सौ 47 मामले दर्ज किये गये हैं. यह आंकड़े जुलाई 2022 से जून 2023 तक के हैं जो दिल्ली महिला आयोग के पास दर्ज किये गये हैं.

दिल्ली महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित

वहीं बात अगर एनसीआरबी के आंकड़ों की करें तो दिल्ली को महिलाओं के लिए देश भर में सबसे असुरक्षित माना गया है. एनसीआरबी द्वारा पिछले साल जारी आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में रोज दो नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म होता है. आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले 2020 की अपेक्षा 2040 में 40 प्रतिशत से अधिक की महत्वपूर्ण वृद्धि हुई. वर्ष 2020 में अपराध का आंकड़ा 9,782 था, जो साल 2021 में 13 हजार को क्राॅस कर गया. एनसीआरबी के आंकड़ों का कहना है कि दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले सभी 19 महानगरों की श्रेणी में कुल अपराधों का 32.20 प्रतिशत हैं.

दिल्ली में डराने वाली घटनाएं भी हुईं

दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ कई खौफनाक घटनाएं भी हुईं, जिनमें महिलाओं के साथ अपराध तो हुआ ही, उनके विश्वास को भी तार-तार कर दिया गया. इसमें सबसे चर्चित मामला श्रद्धा वार्कर हत्याकांड था. इस केस में श्रद्धा के लिव इन पार्टनर ने उसके शरीर के कई टुकड़े कर दिये थे. कुछ ही दिनों पहले एक केस सामने आया था जिसमें एक सिरफिरे आशिक ने अपने इकतरफा प्यार में लड़की को लोहे के राॅड से मारकर उसकी हत्या कर दी थी. बात सिर्फ इतनी सी थी कि लड़की ने शादी से इनकार कर दिया था.

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