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हिंदू कालेज में हिंदी सप्ताह : प्रो रीना जैन ने कहा- साहित्य और भाषा को आज युवाओं के ऊर्जा की जरूरत

भित्ति पत्रिकाओं के परामर्शदाता सहायक आचार्य नौशाद अली ने बताया कि वर्ष भर में इन पत्रिकाओं के अनेक अंक प्रकाशित किए जाते हैं जिनमें हिंदी विभाग तथा महाविद्यालय के अन्य विद्यार्थियों की रचनाओं का प्रकाशन होता है

युवाओं में ऊर्जा का अक्षय भंडार होता है और इस भंडार का सार्थक उपयोग रचनात्मक कार्यों में ही हो सकता है. यदि युवा साहित्य और भाषा के क्षेत्र में अपनी ऊर्जा लगाएं तो न केवल उनका कैरियर अपितु समूचा व्यक्तित्व भी बेहतर बन सकता है. हिंदू महाविद्यालय में चल रहे हिंदी सप्ताह के अंतर्गत बुधवार को हिंदी भित्ति पत्रिकाओं लहर तथा अभिव्यक्ति के विशेषांकों का लोकार्पण करते हुए उप प्राचार्य डॉ रीना जैन ने कहा कि लेखन जैसा रचनात्मक कार्य व्यक्तित्व को बहुमुखी बनाता है. उन्होंने भाषा और रचनात्मकता का संबंध बताते हुए कहा कि भाषा पर रचनात्मकता उसे ऊंचाई देता है.

पत्रिकाओं को सोशल मीडिया पर ले जाने का निर्णय स्वागतयोग्य 

भित्ति पत्रिकाओं के परामर्शदाता सहायक आचार्य नौशाद अली ने बताया कि वर्ष भर में इन पत्रिकाओं के अनेक अंक प्रकाशित किए जाते हैं जिनमें हिंदी विभाग तथा महाविद्यालय के अन्य विद्यार्थियों की रचनाओं का प्रकाशन होता है. विभाग के वरिष्ठ शिक्षक डॉ अभय रंजन ने कहा कि लगभग एक सदी से प्रकाशित हो रही इन भित्ति पत्रिकाओं ने नवोदित रचनाकारों को मंच प्रदान किया है. हिंदी विभाग के प्रभारी डॉ पल्लव ने कहा कि हिंदी सप्ताह के अंतर्गत इन पत्रिकाओं के विशेष अंकों का प्रकाशन किया गया है. उन्होंने भित्ति पत्रिकाओं के संपादक मंडल हर्षिता, कीर्ति, अनन्या पांडे, श्रुति, यशवंत, आयुष, नरेंद्र पटेल, विशाल सिंह चौहान, हिमांशु शर्मा, पल्लव पुष्पम, तान्या, नवनीत, आदित्य, ईशा, नवीन, किरण को बधाई देते हुए कहा कि इन पत्रिकाओं को सोशल मीडिया पर भी ले जाने का प्रयास स्वागत योग्य है, जहां महाविद्यालय के अतिरिक्त भी पाठक इन्हें पढ़ सकेंगे. अंत में हिंदी साहित्य सभा के जसविंदर सिंह ने आभार प्रदर्शन किया.

हिंदी से ही भारत का विकास संभव

इससे पहले आयोजित एक कार्यक्रम में हिंदू महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो अंजू श्रीवास्तव ने कहा कि हिंदी और अपनी देशज भाषाओं को अपनाकर ही हम सच्चे अर्थों में भारत का विकास कर सकते हैं क्योंकि अपनी भाषा में ही मनुष्य सबसे सहज होता है. नयी शिक्षा नीति ने मातृभाषाओं को शिक्षा का माध्यम बनाने की अभूतपूर्व पहल की है, जिसे अपनाना समय की जरूरत है. उन्होंने महाविद्यालय में हिंदी सप्ताह के अंतर्गत हिंदी में हस्ताक्षर अभियान का शुभारंभ किया. उन्होंने कहा कि हमारे यहां कहा गया है ‘निज भाषा उन्नति अहै सब उन्नति को मूल’ अतः हमें हिंदी को अपनाने में आगे आना होगा. इस अवसर पर हिंदी विभाग के वरिष्ठ आचार्य डॉ रामेश्वर राय ने कहा कि भाषा का संबंध मनुष्य के चित्त से होता है. भारतीय चित्त को समझने और उसका वास्तविक संधान करने के लिए हिंदी सबसे सहज रास्ता देती है. हिंदी में हस्ताक्षर अभियान में महाविद्यालय के शिक्षकों, सह शैक्षणिक कर्मचारियों तथा विद्यार्थियों ने उत्साह से भाग लिया. छात्र संयोजक जसविंदर सिंह तथा उनके दल ने महाविद्यालय के सभी विभागों एवं कक्षा कक्षों में जाकर हिंदी में हस्ताक्षर करवाए.

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