Historic day of 5th August: धारा 370 हटने से लेकर राम मंदिर की आधार शिला तक, जानें 5 अगस्त के दिन का महत्व    

Historic day of 5th August: 5 अगस्त की तारीख साल 2019 और 2020 दोनों ऐतिहासिक घटनाएं भारत के इतिहास में सुनहरे अक्षरों से दर्ज होने वाली घटनाएं हैं. धारा 370 के हटने और राम मंदिर निर्माण से जुड़े यानी दोनों फैसले नरेंद्र मोदी सरकार ने इसी दिन लिए.

By Aman Kumar Pandey | August 5, 2024 12:06 PM

Historic day of 5th August: आज का दिन यानी 5 अगस्त हम भारतीयों के जीवन का बहुत ही महत्वपूर्ण तारीख है. आज से ठीक 5 वर्ष पहले साल 2019 में इस महत्वपूर्ण दिन पर एक ऐतिहासिक भूल को सुधारते हुए नरेंद्र मोदी की बीजेपी सरकार ने जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रभाव को निष्क्रिय यानी खत्म कर दिया था.

इसके ठीक एक साल बाद यानी 5 अगस्त 2020  की तारीख भी भारतीय इतिहास के पन्नों में दर्ज है. इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 492 साल से चले आ रहे अयोध्या राम मंदिर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद श्री राम जन्मभूमि मंदिर का भूमि पूजन किया था.

नरेंद्र मोदी सरकार के दो ऐतिहासिक फैसले

तारीख 5 अगस्त साल 2019 ये वो ऐतिहासिक दिन है जिस दिन केंद्र की नरेंद्र मोदी  वाली बीजेपी सरकार ने जम्मू और कश्मीर से धारा 370 को निष्क्रिय करते हुए खत्म कर दिया था. इसी के साथ ही राज्य को दो अलग-अलग हिस्सों जम्मू एंड कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था. इसी ते साथ दोनों राज्यों जम्मू एंड कश्मीर और लद्दाख  को केंद्र शासित राज्य (Union Territory) बना दिया था. नरेंद्र मोदी सरकार का यह ऐतिहासिक और कड़ा फैसला जम्मू- कश्मीर में बढ़ रहे अलगाववाद के साथ-साथ आतंकवाद पर बहुत बड़ा प्रहार था. इसकी चोट से पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान भी बौखला गया था.

संसद में भारी हंगामे के बीच पास हुआ बिल

जानकारी के लिए बता दें कि आर्टिकल 370 भारत सरकार के किसी भी फैसले को जम्मू-कश्मीर राज्य में लागू होने से रोकता था. जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है. यह सिर्फ कहने वाली बात थी. वास्तविकता इससे बिल्कुल अगल थी.  इसी वजह से कश्मीर घाटी के कुछ परिवार मालामाल हो रहे थे. कश्मीर घाटी में लगातार अलगाववाद बढ़ रहा था. धारा 370 को हटाने के दौरान संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. लेकिन इसके बावजूद भी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इसे सदन के पटल पर रखा था.

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