कानपुर के कुख्यात हिस्ट्री शीटर विकास दुबे के खिलाफ प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. जेसीबी से विकास दुबे के घर को गिराया जा रहा है. यहां खास बता यह है कि जिस जेसीबी से उसने पुलिस का रास्ता रोका था, उसी से प्रशासन उसके किले को ध्वस्त कर रहा है. इधर, चौबेपुर में बृहस्पतिवार देर रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर हमला कर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले कुख्यात अपराधी विकास को पकड़ने के लिये पुलिस की 25 से अधिक टीम उत्तर प्रदेश और अन्य प्रदेशों में लगातार छापेमारी कर रही हैं लेकिन घटना के करीब 36 घंटे बाद भी वह पुलिस की पकड़ से बाहर है.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक कुछ पुलिसकर्मियों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि यह जाना जा सके कि दुबे को उसके घर पर पुलिस की छापेमारी के बारे में पहले से खबर कैसे लगी जिससे उसने पूरी तैयारी के साथ पुलिस दल पर हमला किया. कानपुर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) मोहित अग्रवाल ने बताया कि विकास दुबे और उसके सहयोगियों को पकड़ने के लिये पुलिस की 25 टीमें लगायी गयी हैं जो प्रदेश के विभिन्न जिलों के अलावा कुछ दूसरे प्रदेशों में भी छापेमारी कर रही हैं.
हालांकि, उन्होंने कहा कि यह नहीं बताया जा सकता कि पुलिस की टीमें किन-किन जनपदों में और किन प्रदेशों में तलाशी अभियान चला रही है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि सर्विलांस टीम लगभग 500 मोबाइल फोन की छानबीन कर रही है और उससे विकास दुबे के बारे में सुराग लगाने का प्रयास कर रही है. इसके अलावा उप्र एसटीएफ की टीमें भी अपने काम में लगी हैं.
आईजी ने विकास दुबे के बारे में सही जानकारी देने वाले को पचास हजार रुपये का इनाम भी देने की घोषणा की है और जानकारी देने वाले की पहचान गुप्त रखने की बात कही है. पुलिस के अनुसार मुठभेड. में घायल सात पुलिसकर्मियों का कानपुर के एक निजी अस्पताल में चल रहा है. जहां सभी की हालत स्थिर बतायी जा रही है. लखनऊ पुलिस ने शुक्रवार शाम को विकास दुबे के कृष्णानगर स्थित मकान पर भी छापा मारा था लेकिन वहां दुबे नही मिला.
गौरतलब है कि बृहस्पतिवार देर रात कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के गांव बिकरू निवासी कुख्यात अपराधी विकास दुबे को उसके गांव पकड़ने पहुंची पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया था जिसमें एक क्षेत्राधिकारी, एक थानाध्यक्ष समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए.
Posted By : Amitabh Kumar