नयी दिल्ली : हिज्बुल मुजाहिदीन के प्रमुख आतंकी सैयद सलाहुद्दीन द्वारा कश्मीर में आतंकी समूह का नेतृत्व करने के लिए नियंत्रण रेखा से 3 आतंकवादियों के चुनने के फैसले ने सुरक्षा एजेंसियों को घाटी में पुन: तालाशी के लिए मजबूर किया है.
बता दें, सलाहुद्दीन का खास आतंकी रियाज नाइकू पिछले सप्ताह कश्मीर पुलिस और राष्ट्रीय राइफल्स के संयुक्त अभियान में मारा गया.इसके बाद सलाहुद्दीन ने गाजी हैदर उर्फ सैफुल्लाह मीर को कश्मीर में हिज्बुल का स्वयंभू मुख्य कमांडर चुना.बताया जाता है कि 55 वर्षीय अशरफ मौलवी के लिए ज़फरूल इस्लाम मुख्य सैन्य सलाहाकर माना जाता है.वह गाजी हैदर के डिप्टी होगा और अबू तारिक भाई उसका तथाकथित प्रमुख सैन्य सलाहकार होगा.
जम्मू- कश्मीक के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि तीन में से अबू तारिक भाई हत्याओं में सबसे क्रूर रहे है. उन्होंने बताया कि अबू तारिक भाई एक हिज्बुल आतंकवादी है जिसे हम अनंतनाग के जुबैर वानी के नाम से जानते है.गौरतलब है कि गाजी हैदर उर्फ सैफुल्लाह मीर से पहले हिज्बुल का चेहरा रहा नाइकू अपने सहयोगी आदिल अहमद के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस और 21 राष्ट्रीय राइफल्स के सैनिकों के संयुक्त ऑपरेशन में मारा गया था.नाइकू अपने गांव में एक गुप्त बंकर में छिपा था. सैफुल्लाह मीर को मुसाहिब और ‘डॉक्टर सैफ’ के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि वह पुलिस मुठभेड़ों में घायल हुए आतंकवादियों का इलाज कर चुका है.
उर्फ सैफुल्लाह मीर ने पुलवामा में सरकार द्वारा संचालित आईटीआई में बायो मेडिकल कोर्स किया और इसके बाद एक तकनीशियन के रूप में श्रीनगर के राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान में नौकरी पा ली. मीर ने तीन साल तक नौकरी की और फिर आतंक की राह पर चल पड़ा.
सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि सैफुल्लाह को A Grade के आतंकवादी के रूप में चुना गया है और वह ज्यादातर पुलवामा,कुलगाम और शोपियां के के दक्षिण कश्मीर जिलों में सक्रिय था.