जैनमुनि आचार्य विद्यासागर महाराज के निधन पर गृह मंत्री Amit Shah ने शोक व्यक्त किया
प्रसिद्ध जैनमुनि आचार्य विद्यासागर महाराज के निधन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शोक व्यक्त किया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर शोक जताया है और इसे देश और समाज के लिए अपूरणीय और अपने लिए व्यक्तिगत क्षति बताया है.
Amit Shah : प्रसिद्ध जैनमुनि आचार्य विद्यासागर महाराज के निधन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शोक व्यक्त किया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर शोक जताया है और इसे देश और समाज के लिए अपूरणीय और अपने लिए व्यक्तिगत क्षति बताया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘महान संत परमपूज्य आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जैसे महापुरुष का ब्रह्मलीन होना, देश और समाज के लिए अपूरणीय क्षति है. उन्होंने अपनी अंतिम साँस तक सिर्फ मानवता के कल्याण को प्राथमिकता दी. मैं अपने आप को सौभाग्यशाली मानता हूं कि ऐसे युगमनीषी का मुझे सान्निध्य, स्नेह और आशीर्वाद मिलता रहा.’
‘महाराज का जाना मेरे लिए एक व्यक्तिगत क्षति’ – Amit Shah
आगे उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, ‘मानवता के सच्चे उपासक आचार्य विद्यासागर जी महाराज का जाना मेरे लिए एक व्यक्तिगत क्षति है. वे सृष्टि के हित और हर व्यक्ति के कल्याण के अपने संकल्प के प्रति निःस्वार्थ भाव से संकल्पित रहे. विद्यासागर जी महाराज ने एक आचार्य, योगी, चिंतक, दार्शनिक और समाजसेवी, इन सभी भूमिकाओं में समाज का मार्गदर्शन किया. वे बाहर से सहज, सरल और सौम्य थे, लेकिन अंतर्मन से वज्र के समान कठोर साधक थे. उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य व गरीबों के कल्याण के कार्यों से यह दिखाया कि कैसे मानवता की सेवा और सांस्कृतिक जागरण के कार्य एक साथ किये जा सकते हैं.’
सल्लेखना कर देह का त्याग किया
बता दें कि उन्होंने छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ स्थित ‘चंद्रगिरि तीर्थ’ में आखिरी सांस ली. चंद्रगिरि तीर्थ की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, सल्लेखना कर देह का त्याग किया. बता दें ‘सल्लेखना’ जैन धर्म में एक प्रथा है, जिसमें देह त्यागने के लिए स्वेच्छा से अन्न-जल का त्याग किया जाता है. बयान के अनुसार, आचार्य विद्यासागर महाराज ने देर रात 2:35 बजे ‘चंद्रगिरि तीर्थ’ में ‘सल्लेखना’ करके देह त्याग दी. इसमें कहा गया, ‘महाराज जी डोंगरगढ़ में ‘चंद्रगिरि तीर्थ’ में छह माह से रह रहे थे और पिछले कुछ दिनों से बीमार थे. तीन दिन से वह सल्लेखना का पालन कर रहे थे और उन्होंने अन्न-जल का त्याग किया हुआ था.’
अंतिम यात्रा आज शाम निकाली जाएगी
लोगों के दर्शनों के लिए उनकी अंतिम यात्रा आज शाम निकाली जाएगी और अंतिम संस्कार ‘चंद्रगिरि तीर्थ’ में किया जाएगा. पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच नवंबर को डोंगरगढ़ गए थे और उन्होंने आचार्य विद्यासागर महाराज से मुलाकात की थी और उनका आशीर्वाद लिया था. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जैन मुनि के निधन पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा, ‘‘आचार्य श्री विद्यासागर महामुनिराज जी की डोंगरगढ़ के चंद्रगिरि तीर्थ में समाधि लेने का समाचार प्राप्त हुआ. छत्तीसगढ़ सहित देश और दुनिया को अपने ओजस्वी ज्ञान से समृद्ध करने वाले आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को देश और समाज के लिए उनके अनुकरणीय कार्यों, त्याग और तपस्या के लिए युगों-युगों तक याद किया जाएगा. मैं उनके चरणों में शीश नवाता हूं.’’