गृहमंत्री अमित शाह बोले- पहले निर्धारित प्रदर्शन स्थान पर जाएं, फिर करेंगे बात, किसानों ने कहा- शर्त रखना बंद कर समाधान बताएं
नयी दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रदर्शनकारी किसान संगठनों से तत्काल बातचीत की मांग को ठुकरा दिया है. उन्होंने किसानों से कहा है कि प्रदर्शन के लिए निश्चित प्रदर्शन स्थान पर जायेंगे, उसके बाद केंद्र वार्ता को तैयार है.
नयी दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रदर्शनकारी किसान संगठनों से तत्काल बातचीत की मांग को ठुकरा दिया है. उन्होंने किसानों से कहा है कि प्रदर्शन के लिए निश्चित प्रदर्शन स्थान पर जायेंगे, उसके बाद केंद्र वार्ता को तैयार है. मालूम हो कि किसानों के प्रदर्शन के लिए उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी स्थित संत निरंकारी ग्राउंड को निर्धारित किया गया है.
#WATCH | If farmers' unions want to hold discussions before December 3 then, I want to assure you all that as soon as you shift your protest to structured place, the government will hold talks to address your concerns the very next day: Union Home Minister Amit Shah pic.twitter.com/ZTKXtHZH3W
— ANI (@ANI) November 28, 2020
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि अगर किसान चाहते हैं कि भारत सरकार जल्द बात करे, तीन दिसंबर से पहले बात करे, तो मेरा आपको आश्वासन है कि जैसे ही आप निर्धारित स्थान पर स्थानांतरित हो जाते हैं, उसके दूसरे ही दिन भारत सरकार आपकी समस्याओं और मांगों पर बातचीत के लिए तैयार है.
#UPDATE: A meeting of farmers underway at Singhu border (Delhi-Haryana) as they continue their protest against the farm laws. https://t.co/C4Ps6AR56Y
— ANI (@ANI) November 29, 2020
इधर, किसान संगठनों ने आंदोलन की रणनीति को लेकर दिल्ली-हरियाणा की सीमा सिंधु बॉर्डर पर रविवार को अहम बैठक की. किसानों ने कहा है कि एक दिसंबर से राज्यों में भी प्रदर्शन शुरू किया जायेगा.
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के मुताबिक, पंजाब और हरियाणा के किसान गोलबंद हो दिल्ली पहुंच रहे हैं. यूपी और उत्तराखंड के किसान भी आ रहे हैं. हमारी अपील है कि किसानों के सभी पक्षधर, कॉरपोरेट विरोधी ताकतें समर्थन करें.
साथ ही किसान संगठनों ने कहा है कि सरकार अगर हमारी मांगों के प्रति गंभीर है, तो शर्त रखना बंद कर देना चाहिए. सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि उत्पन्न समस्या का सरकार के पास क्या समाधान है.