Home Ministry: देश में बढ़ते डिजिटल लेनदेन के साथ ही साइबर अपराध के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं. साइबर अपराध की शिकायत करने के लिए भारतीय साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर(I4सी) ने हेल्पलाइन नंबर 1930 शुरू किया है और इसे लेकर लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. I4सी के पहले स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि साइबर अपराध को लेकर केंद्र सरकार ने 600 से अधिक एडवाइजरी जारी करने के अलावा कई वेबसाइट, सोशल मीडिया पेज, मोबाइल एप और अकाउंट को बंद करने का काम किया है. साइबर अपराधियों से निपटने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा. इस दौरान उन्होंने सस्पेक्ट रजिस्ट्री को लांच किया. यह रजिस्ट्री वित्तीय इकोसिस्टम के जोखिम प्रबंधन क्षमता को मजबूत करने का काम करेगी. इस रजिस्ट्री पर सभी साइबर अपराधी का डेटाबेस एक प्लेटफार्म पर उपलब्ध होगा और उसमें राज्य भी मदद करेंगे. इसके अलावा सभी राज्यों की पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में साइबर कमांडो फोर्स का गठन किया जायेगा. यह फोर्स राज्यों और केंद्र सरकार को साइबर अपराध से निपटने में मदद देगा.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग जरूरी
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि साइबर अपराध के खिलाफ लड़ाई को सख्ती से लड़ना होगा. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए साइबर अपराध के मामलों के निपटारे के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग करना होगा. साइबर अपराध के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए I4सी ने जनजागृति अभियान शुरू किया है. यह अभियान 72 चैनल, 190 एफएम चैनल और अन्य प्लेटफार्म के जरिये चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में डिजिटल लेनदेन 78 फीसदी तक बढ़ गया है. वर्ष 2014 में देश में 25 करोड़ इंटरनेट उपभोक्ता थे, जो अब 95 करोड़ हो गया है. डाउनलोडिंग स्पीड भी पहले के मुकाबले काफी बढ़ गयी है. ऐसे में साइबर अपराध के खतरों से निपटना एक बड़ी चुनौती बन गयी है.