गृह मंत्रालय ने मणिशंकर अय्यर की बेटी के एनजीओ का लाइसेंस किया रद्द, कार्रवाई पर बिफरी कांग्रेस
मामले से जुड़े अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि पिछले साल सितंबर में आयकर विभाग के सर्वेक्षण अभियान के बाद सीपीआर और ऑक्सफैम इंडिया जांच के घेरे में था. सीपीआर का विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) का लाइसेंस कानूनों के उल्लंघन के कारण निलंबित कर दिया गया है.
नई दिल्ली : गृह मंत्रालय ने कानूनों के उल्लंघन पर प्रमुख थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च’ (सीपीआर) का एफसीआरए लाइसेंस निलंबित कर दिया है. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसासर, मणिशंकर अय्यर की बेटी यामिनी अय्यर दिल्ली स्थित इस एनजीओ की अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हैं. गृह मंत्रालय की ओर से की गई इस कार्रवाई के बाद कांग्रेस पूरी तरह बिफरी हुई दिखाई दे रही है. गृह मंत्रालय की कार्रवाई पर उसने कहा कि इस ‘नए भारत’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी नीतियों पर सवाल बर्दाश्त नहीं है.
नियमों के उल्लंघन के मामले में कार्रवाई
मामले से जुड़े अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि पिछले साल सितंबर में आयकर विभाग के सर्वेक्षण अभियान के बाद सीपीआर और ऑक्सफैम इंडिया जांच के घेरे में था. सीपीआर का विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) का लाइसेंस कानूनों के उल्लंघन के कारण निलंबित कर दिया गया है. ऑक्सफैम का एफसीआरए लाइसेंस पिछले साल जनवरी में निलंबित कर दिया गया था, जिसके बाद गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने गृह मंत्रालय में एक पुनर्विचार याचिका दायर की थी.
विदेशी फंड हासिल नहीं कर पाएगा एनजीओ
अधिकारियों ने एफसीआरए के तहत दिए गए लाइसेंस के निलंबन के साथ सीपीआर विदेश से कोई फंड प्राप्त नहीं कर पाएगा. उन्होंने कहा कि सीपीआर के दाताओं में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय, वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट और ड्यूक विश्वविद्यालय शामिल हैं. सीपीआर एक गैर-लाभकारी संगठन है, जिसे भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) से भी अनुदान प्राप्त होता है. सीपीआर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की एक मान्यता प्राप्त संस्था है.
कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर किया हमला
उधर, कांग्रेस ने प्रमुख थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च’ (सीपीआर) का एफसीआरए लाइसेंस निलंबित किए जाने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए बुधवार को कहा कि इस ‘नए भारत’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी नीतियों पर सवाल बर्दाश्त नहीं है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि लोग उनकी सिर्फ वाह-वाह करें. रमेश ने ट्वीट किया कि एक प्रमुख शोध संगठन, जो मई, 2014 के बाद सत्ता प्रतिष्ठान के करीबी था, उसे अब स्वतंत्र सोच के चलते प्रताड़ित किया जा रहा है. मोदी जी सिर्फ वाह-वाह करने वालों को ही चाहते हैं और अपनी नीतियों पर सवाल बर्दाश्त नहीं करेंगे, चाहे वो कितना पेशवर हो. यह ‘नया भारत’ है.