Home Ministry: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आबकारी नीति मामले में जेल में बंद है. मुख्यमंत्री की गैर मौजूदगी के कारण दिल्ली में कई महत्वपूर्ण काम नहीं हो रहे हैं. फाइलों पर मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर नहीं होने से काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है. ऐसे में दिल्ली में संवैधानिक संकट का खतरा पैदा हो गया है. इसे देखते हुए भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर केजरीवाल सरकार को बर्खास्त करने का ज्ञापन दिया था. ज्ञापन में दिल्ली सरकार को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की गयी. राष्ट्रपति सचिवालय ने भाजपा के ज्ञापन को गृह सचिव के पास विचार के लिए भेजते हुए दिल्ली में चल रहे ‘संवैधानिक संकट’ पर उचित फैसला लेने को कहा है. गौरतलब है कि 30 अगस्त को विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता और भाजपा विधायकों ने दिल्ली सरकार में लचर व्यवस्था, वित्तीय अनियमितताओं और लोगों को हो रही परेशानी का जिक्र किया है. ज्ञापन में दिल्ली जल बोर्ड और अन्य विभागों की कैग ऑडिट नहीं कराने का जिक्र किया है. हालांकि भाजपा नहीं चाहेगी कि चुनाव से चंद महीने पहले राष्ट्रपति शासन लगाकर आम आदमी पार्टी को सहानुभूति का लाभ मिले. पार्टी का मानना है कि दिल्ली के आम लोगों में अब केजरीवाल के प्रति लोगों में पहले जैसा आकर्षण नहीं रह गया है. ऐसे में भाजपा की यह कवायद आप पर राजनीतिक दबाव बनाने की है.
आप ने कहा भाजपा ने स्वीकार की हार
दिल्ली में अगले साल जनवरी में विधानसभा चुनाव होना है. ऐसे में आम आदमी का कहना है कि भाजपा राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर पहले ही हार स्वीकार कर चुकी है. आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि हम चुनाव के लिए तैयार है. भाजपा में हिम्मत है तो चुनाव की घोषणा करे. भाजपा को दिल्ली की जमीनी हकीकत का पता चल चुका है, ऐसे में वह ऐसे हथकंडे अपनाकर चुनाव को टालने की कोशिश कर रही है. वहीं विशेषज्ञों का भी कहना है कि मुख्यमंत्री के जेल में रहते शासन को चलाना संभव नहीं है. सिर्फ मुख्यमंत्री ही अहम फैसले ले सकते हैं. दिल्ली जैसे केंद्र शासित प्रदेश में मुख्यमंत्री के अधिकार सीमित हैं और उपराज्यपाल के पास भी कई तरह के अधिकार हैं. लेकिन मुख्यमंत्री के जेल में रहते सरकार को चलाना संभव नहीं है. आम आदमी पार्टी शुरू से ही जेल से सरकार चलाने की बात कहती रही है. ऐसे में अब गृह मंत्रालय को तय करना है कि दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाना है या नहीं.