नई दिल्ली : कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण की दर में गिरावट आने के साथ ही देश में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू कर दी गई. राज्य सरकारों की ओर से आम आदमी को राहत मिलते ही लोग सैर-सपाटे के लिए हिल स्टेशनों और पर्यटन स्थलों की ओर रवाना हो गए. आलम यह कि शिमला, मनाली समेत देश के प्रमुख हिल स्टेशन और पर्यटन स्थलों पर कोरोना संबंधी नियमों की धज्जियां उड़ने लगीं.
इस मामले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय सख्त हो गया है. मंत्रालय की ओर से शनिवार समीक्षा बैठक की गई. बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने हिल स्टेशनों और अन्य पर्यटन स्थलों पर कोविड-19 के संबंध में अनुकूल व्यवहार नहीं अपनाये जाने के मामलों पर चिंता जाहिर की है.
बैठक के दौरान केंद्रीय गृह सचिव भल्ला ने कहा कि महामारी की दूसरी लहर अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है. गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि गृह सचिव ने हिल स्टेशनों और पर्यटन स्थलों पर कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए राज्य सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा की.
बैठक में गोवा, हिमाचल प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तराखंड तथा पश्चिम बंगाल में कोरोना के हालात और टीकाकरण के प्रबंधन पर चर्चा की गई. मंत्रालय के बयान के अनुसार, बैठक में यह संदेश दिया गया है कि देश में विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में दूसरी लहर अलग-अलग स्तर पर है और कुल मिलाकर संक्रमण दर में गिरावट आई हो सकती है, लेकिन राजस्थान, केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड तथा हिमाचल प्रदेश में संक्रमण की दर 10 फीसदी से अधिक है, जो चिंता की बात है.
बयान के अनुसार, केंद्रीय गृह सचिव ने हिल स्टेशनों और पर्यटन स्थलों पर कोविड अनुकूल व्यवहार नहीं होने की खबरों के मद्देनजर चिंता जाहिर की. भल्ला ने कहा कि कोविड की दूसरी लहर अभी समाप्त नहीं हुई है और राज्यों को मास्क पहनने, सामाजिक दूरी और अन्य सुरक्षित तरीकों को अपनाने के संदर्भ में तय प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करना चाहिए.