नयी दिल्ली: अमित शाह के नेतृत्व में गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने कॉर्पोरेट वर्क कल्चर अपना लिया है. सुरक्षा बलों और जांच एजेंसियों को हर दिन सुबह 9 बजे डेली वर्क रिपोर्ट देनी होती है. अभी हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने अधीन सभी विभागों के प्रमुख अधिकारियों से कहा था कि वे हर दिन उनके कार्यालय में अपनी वर्क रिपोर्ट और प्लानिंग सुबह 9 बजे सबमिट कर दें.
शीर्ष सूत्रों ने यह जानकारी दी है. सूत्रों की मानें, तो दिल्ली पुलिस को भी हर दिन अपनी वर्क रिपोर्ट भेजनी पड़ती है. सभी सुरक्षा बलों, जांच एजेंसी और पुलिस विभाग के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है. इसका पूरा चेन बनाया गया है. सभी सुरक्षा बलों को उनकी हर यूनिट से रिपोर्ट मिलती है, जिसके आधार पर शीर्ष अधिकारी अपनी वर्क रिपोर्ट तैयार करते हैं. सूत्रों ने कहा है कि सीनियरऑफिसर्स को 5 बिंदुओं पर केंद्रीय गृह मंत्रालय को अपनी वर्क रिपोर्ट देनी होती है.
अधिकारी गृह मंत्री को जो रिपोर्ट देते हैं, उसमें उन्हें बताना होता है कि वे कौन-कौन से पांच काम आज करने वाले हैं. आज के कार्यों के बारे में उनकी योजना क्या है. सूत्रों ने कहा है कि केंद्रीय सुरक्षा बलों बॉर्डर सिक्यूरिटी फोर्स (बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी), और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के अलावा गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाली जांच एजेंसियों एवं दिल्ली पुलिस को यह रिपोर्ट सौंपनी होती है.
ऐसा नहीं है कि वर्क रिपोर्ट भेजने के बाद अधिकारियों का काम खत्म हो जाता है. सुरक्षा बलों एवं पुलिस एजेंसियों को मंत्रालय को हर दिन अनुपालन रिपोर्ट भी भेजनी होती है. उन्हें ऑपरेशन, सेमिनार, जनता के लिए विशेष काम और शीर्ष अधिकारियों के दौरे की जानकारी हर दिन गृह मंत्रालय को देनी होती है.
न्यूज18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर सीआरपीएफ (CRPF), बीएसएफ (BSF) या किसी अन्य एजेंसी जैसे किसी बल ने कश्मीर या नक्सल प्रभावित क्षेत्र में किसी अभियान की योजना बनायी है, तो डेली रिपोर्ट में उसका जिक्र करना अनिवार्य है.
अधिकारी के हवाले से इस न्यूज चैनल ने कहा है कि इससे मंत्रालय को सभी बलों और एजेंसियों के हर दिन के काम की निगरानी में मदद मिलती है. बताया गया है कि पिछले कुछ सप्ताह से इस कॉर्पोरेट कल्चर को अपनाया जा चुका है. यह रिपोर्ट टॉप लेवल तक पहुंचती है.
Posted By: Mithilesh Jha