कोरोना के नये वेरिएंट पर कितनी प्रभावी है वैक्सीन, जानें एक डोज में आपके कितने हैं सुरक्षित

अब वैक्सीन को लेकर मन में उठ रहे सवालों का जवाब मिला है. एक रिसर्च में यह बात सामने आयी है कि B.1.617.2 वेरिएंट पर वैक्सीन का असर होता यानि वैक्सीन कोरोना के इस नये प्रकार से लड़ने में कारगर है लेकिन इसके लिए सिर्फ एख डोज काफी नहीं है, दोनों डोज लेने के बाद ही यह पूरी तरह कारगर हैइन सवालों का जवाब देता रिसरर्च का आंकड़ा दिखता है कि बी.1.617.2 वेरिएंट से पूरी तरह सुरक्षित रहने के लिए वैक्सीन की दोनों डोज महत्वूपर्ण है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 23, 2021 7:25 AM
an image

देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में वायरस के बदलते स्वरूप की जानकारी भी विस्तार से सामने आयी, ऐसे में सवाल उठा कि क्या कोरोना संक्रमण के नये प्रकार पर वैक्सीन प्रभावी है ? कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के लिए नया वेरिएंट B.1.617.2 सबसे ज्यादा जिम्मेदार है. इस वेरिएंट को जल्दी फैलने वाला और खतरनाक माना गया.

अब वैक्सीन को लेकर मन में उठ रहे सवालों का जवाब मिला है. एक रिसर्च में यह बात सामने आयी है कि B.1.617.2 वेरिएंट पर वैक्सीन का असर होता यानि वैक्सीन कोरोना के इस नये प्रकार से लड़ने में कारगर है लेकिन इसके लिए सिर्फ एख डोज काफी नहीं है, दोनों डोज लेने के बाद ही यह पूरी तरह कारगर हैइन सवालों का जवाब देता रिसरर्च का आंकड़ा दिखता है कि बी.1.617.2 वेरिएंट से पूरी तरह सुरक्षित रहने के लिए वैक्सीन की दोनों डोज महत्वूपर्ण है.

Also Read: ब्लैक फंगल से लड़ने के लिए नयी दवा लांच, जानें क्या है कीमत

इस पूरे मामले में शोध ब्रिटेन में हुआ जिसमें यह अहम जाकारियां सामने आयी है. इस शोध में यह भी सलाह दी गयी है कि भारत को अपनी वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज करने पर ध्यान देना चाहिए. भारत ने एक वैक्सीन से दूसरी के बीच में जो अंतर रखा है उस पर दोबारा विचार करना चाहिए .

रिपोर्ट में बतयाा गया है कि एक खुराक से कोरोना संक्रमण की बी.1.617.2 सिर्फ 33 फीसदी ही सुरक्षा दी. बी.1.1.7 के खिलाफ यह 51 फीसद सुरक्षा देता है. अगर वैक्सीन की दोनों डोज ली गयी तो इसमें बी.1.617.2 वेरिएंट पर इसका असर 81% सुरक्षा देता है और B.1.1.7 के खिलाफ 87% सुरक्षा मिलती है .

Also Read: कोरोना महामारी के दौर में भी मजबूत है भारत की स्थिति, दुनिया में सबसे तेजी उभरती ताकत- रिपोर्ट

विशेषज्ञों ने इस सर्वे के द्वारा वैक्सीन की दोनों डोज को महत्वपूर्ण बताया है लेकिन वैक्सीन लेने के लिए भारत के बढ़ाये गये अंतर पर सवाल भी किया है. 13 मई को, भारत ने यूके वास्तविक विश्व डेटा का हवाला देते हुए घोषणा की थी कि कोविशील्ड (ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का भारत-निर्मित संस्करण) पर लोगों को अपनी दूसरी खुराक के लिए 12-16 सप्ताह तक इंतजार करने की जरूरत है.

Exit mobile version