नयी दिल्ली : कोरोना वायरस का संक्रमण देश में तेजी से फैलता जा रहा है. दुनिया के सबसे अधिक प्रभावित देशों में भारत अब अमेरिका, ब्राजील के बाद तीसरे स्थान पर पहुंच गया है. भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 22252 नये मामलों के साथ कुल 719665 लोग कोविड – 19 से संक्रमित हो चुके हैं. देश में कोरोना की रफ्तार ने एक नयी बहस को जन्म दे दिया है. 32 देशों के टॉप 200 से अधिक वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि अब कोरोना का संक्रमण हवा में भी फैलने लगा है. हालांकि इन दावों को WHO ने खारिज कर दिया है. बावजूद इसके हवा में कोरोना के प्रसार को लेकर तेजी से चर्चा हो रही है.
इस चर्चा पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय है कि कोरोना का संक्रमण फैलता तो है, लेकिन लोग जैसा सोच रहे हैं वैसा नहीं है. विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना हवा में फैलता तो है, लेकिन सीमित दूरी पर.
हवा में कोरोना के संक्रमण को लेकर दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल के डॉ नीरज गुप्ता ने प्रसार भारती के साथ बातचीत में बताया कि हवा के जरिये कोरोना के फैलने को लेकर कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं हैं. उन्होंने कहा, हवा के जरिये यह बीमारी फैलता तो है, लेकिन हमें यह जानना होगा कि जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता है या फिर छींकता है, बोलता है, तो उसके मुंह से निकलने वाले छोटे बूंद हवा में एक मीटर से लेकर छह मीटर तक फैल सकते हैं.
हवा में हर जगह कोरोना के फैलाव होने की संभावना को डॉ गुप्ता ने खारिज कर दिया. उन्होंने बताया, किसी संक्रमित के छींकने, खांसने, बोलने से जो कण निकलते हैं, वो दूर खड़े व्यक्ति तक पहुंचेगा या नहीं. यह उस बात पर निर्भर करेगा कि हवा की गति उसी ओर है, वहां का मौसम ठंडा है या गर्म. उन्होंने बताया, अगर हम किसी बंद जगह पर हों तो वायरस के हवा में फैलने की आशंका अधिक होती है, जबकि खुले और जहां प्रॉपर वेंटिलेशन हो वहां हवा में वायरस के फैलने की आशंका कम होती है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हवा में कोरोना के फैलने पर कहा कि सार्स-कोविड-2 वायरस जो लोगों में कोविड-19 बीमारी की वजह बनता है, मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के नाक और मुंह से निकली सूक्ष्म बूंदों के माध्यम से फैलता है. बीबीसी के मुताबिक, डब्लूएचओ के प्रवक्ता तारिक जसारेविक ने अब कहा है कि संस्था इस लेख से अवगत है और अपने तकनीकी विशेषज्ञों के साथ इसकी सामग्री की समीक्षा कर रही है. उन्होंने कहा कि अभी यह साफ नहीं है कि कोरोना वायरस हवा में कैसे फैलता है. लेकिन अगर ऐसा हुआ तो डब्लूएचओ द्वारा वायरस से बचाव के अब तक जो सुझाव दिये गए हैं, उनमें बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है.
मालूम हो 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से कहा कि वायरस के वायुजनित होने के सबूत मौजूद हैं और एक छोटा कण भी लोगों को संक्रमित कर सकता है. डब्ल्यूएचओ को लिखे एक खुले पत्र में लोगों को संक्रमित करने की छोटे कणों की भी क्षमता रेखांकित की और एजेंसी से अपने सुझावों में बदलाव करने की अपील की है. उसने कहा कि अनुसंधानकर्ता इसे अगले सप्ताह किसी वैज्ञानिक पत्रिका में प्रकाशित करने की योजना भी बना रहे हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन लगातार इस बात पर जार देता रहा है कि कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से ही फैलता है, लेकिन 29 जून को एक अद्यतन रिपोर्ट में उसने कहा था कि वायरस वायुजनित तभी हो सकता है जब चिकित्सकीय प्रक्रिया के बाद ‘ऐरोसॉल’ या ‘ड्रोपलेट’ पांच माइक्रोन से छोटे हैं.
posted by – arbind kumar mishra