WhatsApp से किस तरह अलग है Signal एप, क्या है इसके प्राइवेसी पॉलिसी में जिसके बारे में आपको रहनी चाहिए खबर

WhatsApp की नयी प्राइवेसी पॉलिसी ने Signal ऐप को इंटरनेट का फेवरिट बना दिया है़ लोग व्हाट्सऐप को छोड़ तेजी से Signal को अपना रहे हैं. लोगों को मानना है कि WhatsApp इस बदलाव में अपने एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन (यह चैट व मैसेज को सार्वजनिक करने से बचाता है) को खत्म कर देगी.

By Prabhat Khabar News Desk | January 18, 2021 10:47 AM

WhatsApp की नयी प्राइवेसी पॉलिसी ने Signal ऐप को इंटरनेट का फेवरिट बना दिया है़ लोग व्हाट्सऐप को छोड़ तेजी से Signal को अपना रहे हैं. लोगों को मानना है कि WhatsApp इस बदलाव में अपने एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन (यह चैट व मैसेज को सार्वजनिक करने से बचाता है) को खत्म कर देगी. इससे यूजर्स का पर्सनल डाटा ऑनलाइन बेच दिया जायेगा. इसी डाटा सेलिंग के कारण यूजर्स में डर बना हुआ है.

यही कारण है कि यूजर्स WhatsApp के जरिये अपना डेटा शेयर करने से बचने लगे हैं. इसका फायदा दूसरे मैसेंजर ऐप को मिल रहा है. Signal और Telegram एप तेजी से डाउनलोड होने लगे हैं. आंकड़ों के अनुसार देशभर में पिछले आठ दिनों में 25 लाख से अधिक यूजर्स ने व्हाट्सऐप के विकल्प सिग्नल को डाउनलोड किया है़ दूसरे नंबर पर Telegram मैसेजिंग एेप को करीब 16 लाख यूजर्स डाउनलोड कर चुके हैं. हालांकि व्हाट्सऐप की नयी पॉलिसी 15 मई से लागू होगी. पहले यह आठ फरवरी से लागू होनेवाली थी़

सिग्नल व टेलीग्राम एप तेजी से हो रहा फेमस

सिग्नल और टेलीग्राम दोनों ही एेप के लिए भारत बड़े बाजार के रूप में उभर रहा है. आंकड़ों के अनुसार सिग्नल एेप के 30 फीसदी यूजर्स सिर्फ भारत के हैं. वहीं टेलीग्राम एेप के 16 फीसदी यूजर्स भी भारत के ही हैं. आज सिग्नल एेप एपल के एेप स्टोर पर व्हाट्सएेप को पछाड़ कर देश के टॉप फ्री एेप में अपनी जगह बना चुका है.

व्हाट्सऐप से किस तरह अलग है सिग्नल एप

सिग्नल ऐप यूजर्स को मैसेज भेजने, ऑडियो-वीडियो कॉल करने, फोटो, वीडियो और लिंक शेयर करने की सुविधा देता है़ ऐप का दावा है कि उसकी तरफ से यूजर के डाटा का नहीं के बराबर इस्तेमाल किया जाता है़ यह यूजर्स के असुरक्षित बैकअप को क्लाउड पर भी नहीं भेजता़ साथ ही एनक्रिप्टेड डाटाबेस को आपके फोन में ही सुरक्षित रखता है़ साथ ही ऐप की सुरक्षा को अपने हिसाब से तय करने का विकल्प दिया गया है़

यह फीचर है खास

सिग्नल ऐप की एक ओर खासियत है कि इसमें डाटा लिंक्ड टू यू फीचर दिया गया है़ इस फीचर को इनेबल करने के बाद कोई भी चैटिंग के दौरान उस चैट का स्क्रीनशॉट नहीं ले सकता़ यानी आपकी चैट पूरी तरह सुरक्षित है़ साथ ही इसमें भी मैसेजिंग ग्रुप तैयार करने का विकल्प होगा, जबकि बिना अनुमति के किसी भी यूजर्स को इससे नहीं जोड़ा जा सकता है. ग्रुप में जोड़ने के लिए यूजर्स को पहले रिकवेस्ट भेजना जरूरी होगा़

सिग्नल की प्राइवेसी पॉलिसी में क्या है?

जानकारी के अनुसार सिग्नल ऐप मोबाइल नंबर के अलावा कोई और जानकारी नहीं लेता है़ इस मोबाइल नंबर से वह आपकी पहचान उजागर नहीं करने का दावा करता है. सिग्नल की प्राइवेसी पॉलिसी में यह भी शामिल है कि अगर आप सिग्नल ऐप पर किसी अन्य वेबसाइट की सेवाओं का उपयोग करते हैं, तो सिग्नल की बजाय उस वेबसाइट की शर्तें लागू होंगी. सिग्नल का इस्तेमाल करने की न्यूनतम आयु 13 साल है. यह ऐप आपके फोन की कॉन्टेक्ट लिस्ट को यह बताता है कि आपके कौन से कॉन्टेक्ट सिग्नल का इस्तेमाल कर रहे हैं. – अभिषेक राॅय

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