स्विस बैंक में कितने भारतीयों के जमा है ब्लैक मनी? इस महीने मोदी सरकार को तीसरी लिस्ट सौंपेगा स्विट्जरलैंड
इससे पहले वह सितंबर 2019 और सितंबर 2020 में इस प्रकार की जानकारी शेयर कर चुका है.
नई दिल्ली : स्विस बैंक में भारत के नागरिकों का जमा कालाधन के बारे में स्विट्जरलैंड इस महीने केंद्र सरकार को तीसरी लिस्ट सौंप देगा. उसकी ओर से यह स्विस बैंक में भारत के नागरिकों के खातों की तीसरी लिस्ट ऑटोमेटिक एक्सचेंज ऑफ इन्फॉर्मेशन तहत सौंपी जाएगी. समाचार एजेंसी पीटीआई की ओर से दी गई खबर के अनुसार, स्विट्जरलैंड की ओर से जारी होने वाली तीसरी लिस्ट में यूरोपीय देश में भारतीयों के मालिकाना हक वाली अचल संपत्तियों की जानकारी भी शामिल की जाएगी.
अधिकारियों की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, स्विटरजरलैंड तीसरी बार भारत के साथ इस प्रकार के डिटेल्स को शेयर करेगा. इससे पहले वह सितंबर 2019 और सितंबर 2020 में इस प्रकार की जानकारी शेयर कर चुका है. विदेशों में कथित रूप से जमा कालेधन के खिलाफ मोदी सरकार की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत भारत को इस महीने स्विट्जरलैंड में भारतीयों के स्वामित्व वाले फ्लैट, अपार्टमेंट और घरों के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी.
अधिकारियों ने कहा कि इसके साथ ही, भारत को ऐसी संपत्तियों से होने वाली कमाई की भी जानकारी मिलेगी. इससे देश को उन संपत्तियों से जुड़ी कर देनदारियों पर ध्यान देने में मदद मिलेगी. स्विट्जरलैंड की ओर से इस तरह का कदम मायने रखता है और साथ ही यह दिखाता है कि वह अपनी बैंकिंग प्रणाली के कालेधन के कथित सुरक्षित पनाहगाह होने की लंबे समय से बनी हुई धारणा को तोड़ते हुए खुद को एक प्रमुख वैश्विक वित्तीय केंद्र के रूप में पुनर्स्थापित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है.
अधिकारियों ने बताया कि यह तीसरा मौका होगा, जब भारत को स्विट्जरलैंड में भारतीयों के बैंक खातों और अन्य संपत्तियों के बारे में विवरण मिलेगा, लेकिन यह पहली बार होगा, जब भारत के साथ शेयर की जा रही जानकारी में अचल संपत्ति की जानकारी शामिल होगी. उन्होंने कहा कि जहां स्विटजरलैंड की सरकार अचल संपत्ति का डिटेल्स शेयर करने के लिए सहमत हो गई है, गैर-लाभकारी संगठनों और ऐसे दूसरे संगठनों में योगदान के बारे में जानकारी के साथ ही डिजिटल मनी में निवेश का ब्योरा अब भी सूचना के ऑटोमेटिक एक्सचेंज ऑफ इन्फॉर्मेशन की इस संरचना से बाहर है.
बता दें कि भारत को सितंबर 2019 में एईओआई (ऑटोमेटिक एक्सचेंज ऑफ इन्फॉर्मेशन) के तहत स्विट्जरलैंड से पहली बार इस तरह का ब्योरा मिला था. उस साल भारत ऐसी जानकारी प्राप्त करने वाले 75 देशों में शामिल था. इसके बाद सितंबर 2020 में भारत को 85 अन्य देशों के साथ दूसरी बार अपने नागरिकों और संस्थाओं के स्विस बैंक खातों का ब्योरा मिला था.
इस साल से स्विट्जरलैंड के सर्वोच्च शासी निकाय फेडरल काउंसिल ने ‘ग्लोबल फोरम ऑन ट्रांसपरेंसी एंड एक्सचेंज ऑफ इन्फॉर्मेशन फॉर टैक्स पर्पसेज’ की एक महत्वपूर्ण सिफारिश को लागू करने का फैसला किया है. इसके तहत स्विस अधिकारी देश के रियल एस्टेट क्षेत्र में विदेशियों द्वारा किए गए निवेश का ब्योरा भी साझा करेंगे.