ED के समन की कोई कितनी बार कर सकता है अनदेखी? जानें क्या कहता है कानून
केजरीवाल को नोटिस मिलने पर आम आदमी पार्टी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला किया. आप ने कहा, केस पूरी तरह से फर्जी है. मोदी ने सबसे ज्यादा अरविंद केजरीवाल से डरते हैं. वो उन्हें चुनाव में हरा नहीं सकते तो षड्यंत्र का सहारा लेते हैं.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 21 दिसंबर को पूछताछ के लिए दूसरी बार समन जारी किया है. पहली बार उन्हें दो नवंबर को पेश होने के लिए बुलाया था, लेकिन वह यह आरोप लगाते हुए जांच एजेंसी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए कि नोटिस राजनीति से प्रेरित और कानून के मुताबिक विचारणीय नहीं था. दूसरी बार समन के जवाब में केजरीवाल क्या कदम उठाते हैं यह देखने वाली बात है. लेकिन अगर दूसरी बार भी दिल्ली के मुख्यमंत्री ईडी के सामने पेश नहीं होते हैं, तो आगे क्या होगा. यह सबसे बड़ा सवाल है.
ईडी के पास क्या है विकल्प
अगर कोई शख्स ईडी के पास पेश होने से इनकार कर देता है, तो जांच एजेंसी दूसरी बार समन जारी करती है. शख्स तब भी पेश नहीं होता है, तो उसे दूसरा समन जारी की जाती है. जरूरत पड़ने पर शख्स को ईडी समय भी दे सकती है. लेकिन तीसरी बार भी पूछताछ के लिए शख्स नहीं पहुंचता है तो ईडी कानूनी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है. यही नहीं ईडी शख्स के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के लिए कोर्ट के सामने अर्जी लगा सकता है. ईडी गैर-जमानती वारंट जारी करने के बाद शख्स को गिरफ्तार भी कर सकती है.
केजरीवाल को नोटिस दिए जाने पर मोदी सरकार पर भड़की आम आदमी पार्टी
केजरीवाल को नोटिस मिलने पर आम आदमी पार्टी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला किया. आप ने कहा, केस पूरी तरह से फर्जी है. मोदी ने सबसे ज्यादा अरविंद केजरीवाल से डरते हैं. वो उन्हें चुनाव में हरा नहीं सकते तो षड्यंत्र का सहारा लेते हैं.
शराब घोटाला मामले में ईडी कर रही है जांच, सिसोदिया और संजय सिंह की हो चुकी है गिरफ्तारी
मालूम हो दिल्ली शराब घोटाला मामले की जांच ईडी कर रही है. इस मामले में आप नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को ईडी पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. उम्मीद है कि एजेंसी जल्द ही मामले में पूरक आरोप पत्र दाखिल करेगी.
क्या है दिल्ली आबकारी नीति मामला
गौरतलब है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए दिल्ली सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति को कुछ शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाया गया था, जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी. आप ने इस आरोप का बार-बार खंडन किया है. बाद में नीति को रद्द कर दिया गया और दिल्ली के उप राज्यपाल ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की सिफारिश की, जिसके बाद ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया.
AAP का आरोप पार्टी को खत्म करने की हो रही साजिश
पहले समन के बाद, आप ने आरोप लगाया था कि 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले भारत के शीर्ष नेताओं को निशाना बनाने की भाजपा की साजिश के तहत केजरीवाल को गिरफ्तार किया जाएगा और ईडी का नोटिस उस पार्टी को खत्म करने का एक प्रयास है, जो दिल्ली और पंजाब में सत्ता में है. ईडी ने मामले में दायर अपने आरोप पत्र में कई बार केजरीवाल के नाम का उल्लेख किया है और कहा है कि आरोपी अब रद्द की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 को तैयार करने के संबंध में उनके संपर्क में थे.