नयी दिल्ली: कारगिल युद्ध में 21 साल पहले भारतीय सेना ने भारतीय सीमा में घुसे पाकिस्तानियों को ऐसा सबक सिखाया था जो हमेशा याद रखा जाएगा. भारतीय सेना के पराक्रम की जीवंत मिसाल है कारगिल युद्ध. बड़ा सवाल ये है कि इन सालों में भारत में क्या बदला. भारत में बहुत कुछ बदल चुका है. अब भारत मुंह तोड़ जवाब देना भी जानता है और घर में घुसकर मारना भी.
भारत को मिला था पठानकोट का जख्म
भारतीय जांबाजों ने कारगिल से दुश्मनों को खदेड़ तो दिया. लेकिन, उसके बाद भी पठानकोट का जख्म मिला. उरी हमला हुआ. पुलवामा हमले से समूचा देश गम में डूब गया. इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक करके देश के दुश्मनों को जोरदार सबक सिखाया.
कारगिल के बाद संसद भवन पर हमला
कारगिल युद्ध के ठीक दो साल भी नहीं थे. 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हमला हो गया. साल 2008 में मुंबई हमला भी देश के दुश्मनों की खौफनाक साजिश का परिणाम था. मुंबई हमला और आतंकी कसाब का चेहरा कोई नहीं भूल सकता है. मुंबई हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी तक दे डाली, लेकिन, भारत पर आतंकी हमला जारी रहा.
उरी हमले के बाद हुआ सर्जिकल स्ट्राइक
2 जनवरी 2016 की सुबह जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने पठानकोट एयरबेस पर हमला कर दिया. इस हमले में देश के सात जवान शहीद हो गये. जवानों ने हमले में शामिल सभी आतंकियों को तत्काल मार गिराया.
इसके कुछ ही महीनों बाद 18 सितंबर 2016 को जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में आतंकी हमला हुआ. इस हमले में भारतीय सेना के 19 जवान शहीद हो गये. जवाबी कार्रवाई में जवानों ने हमले में शामिल सभी 4 आतंकियों को मार गिराया. लेकिन बदला पूरा नहीं हुआ था.
आतंकियों को सबक सिखाना जरूरी था. इसलिये भारत ने उरी हमले के महज 10 दिन बाद एलओसी के पार जाकर सर्जिकल स्ट्राइक किया. इसमें आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. दर्जनों आतंकी मारे गये. उनके कैंप तबाह कर दिये गये. भारतीय जवानों ने अपने शौर्य से साबित किया कि अब दुश्मनों को उनके घर में घुस के मारा जायेगा.
पुलवामा में शहीद हुये CRPF के 40 जवान
भारतीय सेना की कार्रवाई और सीमा पर चौकसी के बावजूद आतंकी साजिश जारी रही. 14 फरवरी 2019 में पुलवामा में आतंकी हमला हुआ. सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर में हमला किया गया. 40 जवान शहीद हो गये. समूचे देश में पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग होने लगी.भारतीय सेना की कार्रवाई और सीमा पर चौकसी के बावजूद आतंकी साजिश जारी रही. 14 फरवरी 2019 में पुलवामा में आतंकी हमला हुआ. सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर में हमला किया गया. 40 जवान शहीद हो गये. समूचे देश में पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग होने लगी.
भारतीय वायुसेना ने किया बालाकोट स्ट्राइक
इस बार हिसाब बराबर करने की जिम्मेदारी भारतीय वायुसेना को दी गयी. भारतीय वायुसेना के तेजस विमान ने पाकिस्तानी सेना और आतंकियों का ध्यान भटकाया. इसी बीच वायुसेना के मिराज फाइटर प्लेन्स ने पाकिस्तान के बालाकोट में मौजूद आतंकी लॉंच पैड, ट्रेनिंग सेंटर और हथियारों को तबाह कर दिया. भारत सरकार ने बताया कि इसमें तकरीबन 300 की संख्या में आतंकी मारे गये.
एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान सेना ने रिटायलियेट करने की कोशिश की लेकिन विंग कमांडर अभिनंदन ने अपने मिग-21 बाइसन विमान से पाकिस्तान के अत्याधुनिक एफ-16 विमान को मार गिराया. विंग कमांडर अभिनंदन भारतीयों के लिये बहुत बड़े हीरो बनकर उभरे.
अब कई गुणा मजबूत है भारत की सेना
1999 में कारगिल युद्ध के वक्त लद्दाख में जोजीला से लेह तक 300 किलोमीटर नियंत्रण रेखा की सुरक्षा के लिए महज एक ब्रिगेड थी. अब लद्दाख में सेना की चौदह कोर की तीन डिवीजन तैनात हैं…
भारतीय वायुसेना भी लद्दाख में मौजूद है जो पलक झपकते ही दुश्मनों को धूल चटा सकती है. अब दुश्मनों पर जमीन, समुद्र और आसमान से नजर रखी जा रही है. तैयारी ऐसी है कि पलक झपकते ही दुश्मन के मंसूबे नाकाम किये जा सकते हैं.
Posted By- Suraj Thakur