Manipur Violence: कैसे मणिपुर में लौटेगी शांति ? आरएसएस ने बताया ये उपाय
आरएसएस ने स्थानीय प्रशासन, पुलिस, सेना और केंद्रीय एजेंसियों सहित सरकार से मणिपुर में हिंसा को तुरंत रोकने में मदद करने की अपील की है. जानें संघ ने और क्या कहा
Manipur Violence : मणिपुर हिंसा को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस का बयान सामने आया है. संघ ने शांति की अपील करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अशांति और हिंसा का सिलसिला अब तक थमा नहीं है. वह संकट की इस घड़ी में विस्थापित लोगों और मणिपुर हिंसा के अन्य पीड़ितों के साथ खड़ा है, जिनकी संख्या 50,000 से अधिक है.
आरएसएस ने मणिपुर संकट पर कहा कि लोकतंत्र में हिंसा, घृणा के लिए कोई जगह नहीं है. आपसी संवाद, भाईचारे की भावना से ही समाधान संभव है. आरएसएस ने कहा कि मेइती समुदाय में असुरक्षा की भावना, विवशता और कुकी लोगों की असल चिंताओं को दूर करके इसका समाधान निकाला जा सकता है.
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लोकतांत्रिक व्यवस्था में घृणा और हिंसा की कोई जगह नहीं
एक बयान में आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने स्थानीय प्रशासन, पुलिस, सुरक्षा बलों तथा केंद्रीय एजेंसियों सहित सरकार से तत्काल से पूर्वोत्तर राज्य में ‘‘शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए आवश्यक कार्रवाई’’ के साथ-साथ हिंसा के कारण विस्थापित हुए लोगों को राहत सामग्री की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में घृणा और हिंसा की कोई जगह नहीं हो सकती है. दोनों पक्षों को विश्वास की कमी को दूर करने की आवश्यकता है, जो वर्तमान संकट का कारण है और शांति बहाल करने के लिए बातचीत की पहल की जानी चाहिए.
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मणिपुर में जारी हिंसा से पूरा देश चिंतित
दत्तात्रेय होसबाले ने आगे कहा कि आरएसएस नागरिक संस्थाओं, राजनीतिक समूहों और मणिपुर की आम जनता से अपील करता है कि वे वर्तमान अराजक और हिंसक स्थिति को समाप्त करने की ओर अग्रसर हों. वे मानव जीवन की सुरक्षा और स्थायी शांति सुनिश्चित करने में मदद करें. मणिपुर में पिछले 45 दिनों से लगातार हो रही हिंसा से पूरा देश चिंतित है. तीन मई को चुराचांदपुर में लाई हराओबा उत्सव के समय आयोजित विरोध रैली के बाद मणिपुर में जो हिंसा और अनिश्चितता शुरू हुई, वह निंदा करने के योग्य है.