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Kargil Vijay Diwas: कारगिल से गलवान तक, कितनी ताकतवर हुई भारतीय सेना

भारत एक परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र है और इस क्षेत्र में उसने काफी प्रगति की है. यद्यपि भारत परमाणु शक्तियों का प्रयोग जनहित में करने का हिमायती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2020 7:53 PM

नयी दिल्ली: कारगिल की जंग को 21 साल बीत चुके हैं. पाकिस्तान के ऊपर जीत की याद में भारत हर साल कारगिल विजय दिवस मनाता है. ये एक एतिहासिक विजय थी जिसमें भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान द्वारा कब्जा कर लिये गये अपनी एक-एक इंच जमीन को आजाद करवाया था.

इस समय भारत की मुख्य चुनौती ये थी कि, सैन्य आधुनिकीकरण आरंभिक चरण में था. आनन-फानन में बोफोर्स तोप खरीदी गयी थी. इस तोप ने कारगिल की जंग में निर्णायक भूमिका निभाई.

अधिकांश भारतीय सैनिक इंसास राइफल से लड़े

भारतीय सैनिकों के पास इंसास राइफलें थी. ये मेड इन इंडिया राइफलें थीं. इस राइफल के साथ दिक्कत ये थी कि ठंड में जाम हो जाया करती थीं. बहुत बार सैनिकों ने इसके मैगजीन फट जाने की शिकायत की. इस युद्ध में वायु सेना ने भी अहम भूमिका निभाई.

वायुसेना के इन विमानों ने मचाई थी खलबली

भारतीय वायु सेना के मिग-27 और मिग-29 विमानों ने अहम भूमिका निभाई. मिग-27 विमानों ने उन इलाकों पर बममारी की जहां पाकिस्तानी सैनिक बंकरों में छिपे थे. मिग-29 विमानों ने आर-77 मिसाइलें दागीं जिससे पाकिस्तानी सेना की लाइफ लाइन कट गयी. हालांकि, इन विमानों को 20 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा.

कारगिल की जंग के समय संसाधन कम थे. लेकिन सैनिकों का हौसला बुलंद था. जूनून था मातृभूमि की रक्षा का.

कारगिल से अब तक मजबूत हुई भारतीय सेना

कारगिल से लेकर गलवान वैली की घटना तक भारत की सेना काफी मजबूत हो चुकी है. कारगिल की जंग के मुकाबले आज भारतीय सैन्य क्षमता कई गुणा बढ़ चुकी हैं. आज 21 लाख से भी ज्यादा सैनिकों के साथ भारतीय सेना दुनिया की कुछ बड़ी सैन्य शक्तियों में शुमार की जाती है. भारत, धरती, आसमान और समुद्र, तीनों सीमाओं पर काफी मारक क्षमता रखती है.

इन अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं जवान

भारत ने हाल ही में अमेरिका से 72 हजार सिग सॉर असॉल्ट राइफलें खरीदी हैं. ये दुनिया की अत्याधुनिक राइफल है. भारत ने रूस से अत्याधुनिक एके-203 राइफल खरीदने के लिये समझौता किया है. ये पुरानी इंसास राइफलों की जगह लेंगे. भारत रूस से अत्याधुनिक एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम खरीदा है जो इस साल के अंत तक भारत को डिलीवर कर दिया जायेगा.

भारत के पास आज ब्रह्मोस जैसी मिसाइलें हैं. इसके अलावा भारत के पास बैलेस्टिक मिसाइल पृथ्वी-2, पृथ्वी-3 और धनुष जैसी मिसाइलें हैं.

राफेल से लेकर अपाचे तक है वायु सेना में

भारत की वायु सेना भी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है. भारत ने फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान खरीद हैं. राफेल इस समय का सर्वश्रेष्ठ लड़ाकू विमान है. इसकी खासियत है कि, इस विमान को रडार पकड़ नहीं पाते. इसके अलावा भारत के पास चिनूक और अपाचे जैसे अत्याधुनिक हेलिकॉप्टर हैं. अपाचे को फ्लाइंग टैंक कहा जाता है. इसके अलावा भारत के पास, मिराज, सुखोई एमकेआई, तेजस जैसे लड़ाकू विमान हैं.

समुद्र में भी कम नहीं भारतीय सेना के जांबाज

भारत के पास 13 सबमरीन मौजूद है. भारत की नौसेना के पास एक एयरक्राफ्ट कैरियर, 13 युद्धपोत, 11 विनाशक जहाज, 22 वाहक पोत, 16 सबमरीन, 139 पेट्रोलिंग जहाज और 4 माइन वारफेयर है. भारत के पास आईएनएस विराट और आईएनएस विक्रमादित्य जैसे एयरक्राफ्ट करियर हैं. वहीं आईएनएस अरिहंत औऱ आइएनएस चक्र जैसे सबमरीन मौजूद हैं. भारत के पास परमाणु पनडुब्बियां हैं. जो दुनिया के किसी भी हिस्से से दुश्मन पर निशाना साध सकती है.

भारत एक परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र है और इस क्षेत्र में उसने काफी प्रगति की है. यद्यपि भारत परमाणु शक्तियों का प्रयोग जनहित में करने का हिमायती है.

दुश्मन कोई भी हो हमारे सामने नहीं टिकेगा

कुल मिलाकर कारगिल से गलवान तक भारत की सेना काफी मजबूत हो चुकी है. सैना के बेहतर संचालन के लिये अब चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति की गयी है. जनरल बिपिन रावत इस पद पर हैं. इनका काम तीनों सेना प्रमुखों के साथ सामंजस्य स्थापित करना है. कोशिश ये भी है कि थियेटर कमांड की स्थापना की जाये ताकि हमारी सैन्य ताकत औऱ इंटेलिजेंस में औऱ भी इजाफा हो.

Posted By- Suraj Thakur

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