Uttarakhand Glacier Burst : सर्दियों में कैसे टूटा ग्लेशियर ? जानें उत्तराखंड हादसे की असली वजह !
Uttarakhand Disaster, glacier burst रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की टीम ने हादसे की असली वजह जानने के लिए सोमवार को हवाई सर्वे किया. उन्होंने बताया कि हवाई सर्वे से डेटा इक्कठा किया जा रहा है, जिसका विश्लेषण करने के बाद हादसे की असली वजह का पता लगाया जाएगा.
उत्तराखंड में 8 साल बाद एक बार फिर से भारी तबाही आयी, जिसमें अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों लोग लापता बताये जा रहे हैं. ग्लेशियर टूटने की घटना ने 2013 में आयी केदारनाथ आपदा की याद ताजा कर दी. हालांकि दोनों आपदा में अंतर है. मौजूदा हादसा ग्लेशियर के टूटने की वजह से हुआ और वो भी ऐसे समय में जब सर्दी चरम पर है. वैज्ञानिकों को भी यह समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर ग्लेशियर क्यों टूटा. हादसे की असली वजह तलाशने की पूरी कोशिश की जा रही है.
वहीं दूसरी ओर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की टीम ने हादसे की असली वजह जानने के लिए सोमवार को हवाई सर्वे किया. उन्होंने बताया कि हवाई सर्वे से डेटा इक्कठा किया जा रहा है, जिसका विश्लेषण करने के बाद हादसे की असली वजह का पता लगाया जाएगा.
इधर हवाई सर्वे के बाद डीआरडीओ के एक अधिकारी ने आशंका व्यक्त की है कि पहली नजर में यह हादसा ऐसा लगता है कि एक हैंगिंग ग्लैशियर टूट गया और संकरी घाटी में आ गिरा हो. जो बाद में एक झील के रूप में बदल गया. ऐसी संभावना है कि वही झील फट गयी और यह हादसा हुआ हो.
इधर कुछ वैज्ञानिकों का आकलन है कि भारी बर्फबारी के कारण पहाड़ी चोटियों पर भारी बर्फ जमा हो गई और मौसम परिवर्तन होते ही बर्फ के ढेर खिसके और एवलॉन्च के रूप में नदी में आ गिरे. बाद में यही ‘जलप्रलय’ का रूप ले लिया.
इधर इस हादसे के बाद वैज्ञानिकों ने हिमालय में जमी बर्फ को लेकर भी अलर्ट जारी किया है. जिसमें बताया जा रहा है कि भारत सहित कई देशों में खतरा बना हुआ है. वैज्ञानिकों ने बताया है कि हिमालय में जमी बर्फ लगातार पीघल रही है और खतरा बढ़ता जा रहा है.
गौरतलब है कि रविवार को उत्तराखंड के चमोली जिले में नंदा देवी ग्लेशियर का एक भाग टूट गया था जिससे अलकनंदा नदी में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई थी. इस घटना में पनबिजली परियोजनाओं को नुकसान हुआ और कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई तथा 202 लापता हैं. हालांकि आईटीबीपी की टीम ने सुरंग से 16 लोगों को बाहर सुरक्षित निकालने में कामयाब रही.