नयी दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Central Health Ministry) ने आज एक बयान जारी कर जानकारी दी है कि विदेशों से जो कोरोना राहत सामग्रियां (relief materials) आ रही है, उनका वितरण किस प्रकार किया जा रहा है. मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गयी कि विदेशों से जो भी राहत सामग्री भारत आ रही है वरीयता के आधार पर उनका वितरण राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कर दिया जा रहा है.
मंत्रालय ने बताया कि विभिन्न देशों से सहायता के रूप में प्राप्त 3000 हजार टन से अधिक की करीब 11,000 सामग्रियों को देश भर में आवंटित किया गया है और कोई भी खेप हवाई अड्डा या बंदरगाह पर पड़ा नहीं है. मंत्रालय ने कहा अधिकतर सामान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हवाई मार्ग से भेजे गये हैं. जबकि कुछ सामान रास्ते में हो सकते हैं.
मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव आरती आहूजा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 4,468 आक्सीजन कंसंट्रेटर, 3,417 आक्सीजन सिलिंडर, 13 आक्सीजन उत्पादन संयंत्र, 3,921 वेंटीलेटर/बीआई पीएपी/सी पीएपी और 3 लाख रेमडेसिविर की शिशियों के अलावा पीपीई किट एवं अन्य सामग्रियां विदेशों से सहायता के रूप में प्राप्त हुई और इन्हें पांच मई तक विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को भेजा गया है.
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स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक दूसरे बयान में कहा कि 2,933 आक्सीजन कंसंट्रेटर, 2429 आक्सीजन सिलिंडर, 13 आक्सीजन उत्पादक संयंत्र, 2951 वेंटीलेटर/बीआई पीएपी/सी पीएपी तथा 3 लाख रेमडेसिविर की शिशियां अब तक आपूर्ति की गयी हैं. छह मई को विदेशों से प्राप्त आपूर्ति में न्यूजीलैंड से छह आक्सीजन सांद्रक, ब्रिटेन से सिलिंडर, जर्मनी से एक मोबाइन आक्सीजन संयंत्र (पहला हिस्सा) तथा नीदरलैंड से आक्सीजन सांद्रक शामिल है.
मंत्रालय की ओर से कहा गया कि विश्व समुदाय की ओर से कोरोना संक्रमण के इस दौर से निपटने के लिए भारत को कई प्रकार की सहायता मिल रही है. इस सामानों को तुरंत और कारगर तरीके से राज्यों तक पहुंचाया जा रहा है. यह एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है. केंद्र सरकार इस बात का ध्यान रखेगी की राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कैसे इस लड़ाई में मजबूती मिले.
मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव दामू रवि ने कहा कि अब तक अधिकांश खेप अपने गंतव्य स्थान पर पहुंच गये हैं और कुछ सामग्रियां नहीं पहुंची होंगी तो रास्ते में होंगी. सरकार इसपर बारिकी से नजर रखे हुए है. सामग्रियों को राज्यों तक पहुंचाने में भारतीय वायुसेना तत्परता से लगी हुई है. वहीं राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ऑक्सीजन संयंत्र में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं.
भाषा इनपुट के साथ