नयी दिल्ली : ईरान के कुद्स फोर्स के कमांडर मेजर जनरल कासिम सुलेमानी और मुख्य परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह की हत्या का बदला लेने के लिए इजरायली दूतावास के बाहर विस्फोट की बात कही जा रही है. ईरान की समाचार एजेंसी फार्स ने परमाणु वैज्ञानिक की रिमोट कंट्रोल मशीनगन से हत्या किये जाने की बात कही थी. साथ ही हत्या का आरोप इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद पर लगाया था.
बताया जा रहा है कि भारत में इजराइली दूतावास के पास विस्फोट की जांच करने के लिए मोसाद के अधिकारी आ सकते हैं. वहीं, इजरायल ने भी घटना को आतंकी घटना करार दिया है. मालूम हो कि इजरायल में आतंकी गतिविधियों की जांच की जिम्मेदारी मोसाद पर है.
सेना के खुफिया विभाग, आंतरिक सुरक्षा सेवा और विदेश के राजनीति विभाग के साथ समन्वय और सहयोग को बढ़ाने के उद्देश्य से मोसाद की स्थापना 13 दिसंबर, 1949 को तत्कालीन प्रधानमंत्री डेविड बेन गूरियन ने की थी. मोसाद का गठन आतंकवाद से लड़ने के लिए किया गया था. साल 1951 में मोसाद को प्रधानमंत्री कार्यालय का हिस्सा बना दिया गया.
गुप्त ऑपरेशन को अंजाम देने में मोसाद को दुनिया का नंबर वन खुफिया एजेंसी माना जाता है. माना जाता है कि मोसाद अपना निशाना नहीं चूकती है. वह पाताल से भी अपने दुश्मनों को खोज कर मिशन को अंजाम देती है. कई मिशन को मोसाद ने सफलतापूर्वक अंजाम दिया है. भारत अपनी खुफिया एजेंसी के अधिकारियों को भी इजरायली खुफिया एजेंसी से ट्रेनिंग दिलवाता है.
इजरायल की गुप्तचर सेवा मोसाद ने ‘कातिल’ महिला जासूसों की ‘फौज’ तैयार की है. ये खूबसूरत हसीनाएं अपनी मादक अदाओं से अपने ‘शिकार’ को फंसाकर कोई भी राज उगलवा लेती हैं. समाचार पत्र ‘डेली मेल’ की खबरों के मुताबिक, इजरायली मैगजीन ‘लेडी ग्लोब्स’ में प्रशिक्षित महिला जासूसों के पांच सदस्यों की जीवनशैली के बारे में बताया गया. साथ ही बताया गया कि महिला जासूस की सबसे महत्वपूर्ण तैनाती साल 1986 में हुई थी, जब पूर्व परमाणु वैज्ञानिक को इजरायल वापस लाने के लिए अपने हुस्न के जाल में फंसाया था. गुप्त ऑपरेशन करने में दुनिया भर में माहिर और इजराइल की किलिंग मशीन कही जानेवाली मोसाद के तत्कालीन प्रमुख तामिर पार्डो ने बताया था कि आधी जासूस महिलाएं हैं.
साल 1960 के दशक में रूसी लड़ाकू विमान मिग-21 विमान दुनिया में सबसे उन्नत और तेज माना जाता था. इस विमान को पाने में अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए भी असफल रही थी. इसके बाद मोसाद को जिम्मेदारी दी गयी. 1962 में पहली कोशिश में एक एजेंट के पकड़े जाने पर फांसी दे दी गयी. दूसरी कोशिश भी असफल रही. लेकिन, साल 1964 में मोसाद की महिला एजेंट ने इराकी पायलट को विमान के साथ इजरायल लाने के लिए मना लिया.
साल 1972 में म्यूनिख ओलिंपिक में इजरायली टीम के 11 खिलाड़ियों की हत्या एक होटल में कर दी गयी थी. इजरायली खिलाड़ियों की हत्या का आरोप ब्लैक सेप्टेंबर और फिलीस्तीन लिबरेशन अर्गनाइजेशन पर लगा. म्यूनिख में खिलाड़ियों की हत्या कर हत्यारे अलग-अलग देशों में भाग गये. इसके बाद मोसाद ने करीब 20 साल के ऑपरेशन में सभी हत्यारों को दुनिया के कोने-कोने से खोजकर मार डाला. बताया जाता है कि मोसाद ने सभी 11 आतंकियों को अपने खिलाड़ियों की ओर से 11-11 गोलियां मारी थी.
साल 1976 में फ्रांस के यात्री विमान को अरब के आतंकियों ने हाईजैक कर लिया था. इस विमान में दर्जनों इजरायली यात्री थे. इसके बाद मोसाद अपनी बुद्धिमानी और ताकत का परिचय देते हुए हजारों किमी दूर युगांडा के एंतेबे हवाई अड्डे से अपने 94 नागरिकों को सुरक्षित वापस ले आया. यह ऑपरेशन पूरी दुनिया में आज भी सबसे सफल हॉइजैकर्स मिशन माना जाता है.
साल 1960 मोसाद ने अर्जेंटीना में सीक्रेट मिशन को अंजाम दिया. इसकी भनक अर्जेंटीना की सरकार को भी नहीं लग सकी. नाजी युद्ध अपराधी एडोल्फ एकमैन का मोसाद ने अपहरण कर लिया इजरायल लेकर आयी. यहूदियों के खिलाफ किये गये अत्याचारों के लिए उस पर मुकदमा चलाकर सजा दी गयी.
फिलीस्तीनी नेता यासिर अराफात के दाहिना हाथ कहे जानेवाले खलील अल वजीर को मोसाद ने ट्यूनिशिया में उसके परिवारवालों के सामने ही गोलियों से छलनी कर दिया. खलील उर्फ अबू जिहाद फिलीस्तीनी आतंकी संगठनों का मुखिया था. माना जाता है कि अबू जिहाद के इशारे पर इजरायल में कई हमले किये गये थे. बताया जाता है कि टूरिस्ट बनकर ट्यूनिशिया पहुंचे मोसाद के एजेंट ने परिवार के सामने 70 गोलियां मारी थी.
इजरायल के कट्टर दुश्मन ईरान में घुस कर अलकायदा के नंबर दो आतंकवादी को मोसाद ने मार गिराया था. आतंकी अल मसरी से अमेरिका को बदला लेना था. लेकिन, अमेरिका के लिए यह मुश्किल था. अमेरिका ने इजरायल से मदद मांगी. फिर मोसाद ने ईरान में घुस कर अबु मोहम्मद को मार गिराया.
मोसाद के एजेंटों ने ईरान में सबसे पहले अबु मोहम्मद के ठिकाने का पता लगाया. इसके बाद वेश बदल-बदल कर लगातार नजर बनाये रखी. फिर खुफिया मिशन पूरा करते हुए मोसाद ने आतंकी बाप-बेटी का खात्मा कर दिया.
दुनिया को इसराइल के गुप्त परमाणु कार्यक्रम बताने वाले शख्स वनुनु को पकड़ने के लिए मोसाद ने गुप्त अभियान चलाया. महिला जासूस को भेज कर प्रेम जाल में फंसाया. फिर वह महिला जासूस लंदन से बाहर वनुनु को दूसरे देश में ले आयी. यहां से वनुनु को अगवा कर लिया गया.