Hyderabad Local Body Election : असदुद्दीन औवेसी को उसके ही घर में मात देकर बड़ा संदेश देगी भाजपा ?
हैदराबाद निकाय चुनाव (Hyderabad Local Body Election ) में भाजपा (BJP) ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है जिसके कारण इस चुनाव की चर्चा पूरे देश में हो रही है. लोगों की भी दिलचस्पी इसको लेकर काफी बढ़ चुकी है. जानकारी के अनुसार पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) से लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) और गृहमंत्री अमित शाह (Amit shah) भी चुनाव में प्रचार करते नजर आएंगे.
हैदराबाद निकाय चुनाव (Hyderabad Local Body Election ) में भाजपा (BJP) ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है जिसके कारण इस चुनाव की चर्चा पूरे देश में हो रही है. लोगों की भी दिलचस्पी इसको लेकर काफी बढ़ चुकी है. जानकारी के अनुसार पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) से लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) और गृहमंत्री अमित शाह (Amit shah) भी चुनाव में प्रचार करते नजर आएंगे. यही नहीं भाजपा के स्टार प्रचारक और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस चुनाव में भाजपा के पक्ष में मतदान करने की अपील लोगों से करेंगे.
भाजपा के इस तरह से ताकत झोंकने के बाद अब लोगों के जेहन में एक सवाल उठ रहा है कि आखिर केंद्र की सत्ताधारी और इस समय सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी का इस तरह के स्थानीय चुनाव में इतना दमखम क्यों लगा रही है. इसको लेकर राजनीतिक जानकारों की राय सामने आई है. जानकारों का मानना है कि भाजपा ऐसा करके मोहम्मद असदुद्दीन औवेसी को उनके ही घर में चुनौती देने का काम करेगी. भाजपा का मकसद एआईएमआईएम को उसके ही गढ़ में तोड़ना है.
क्या है भाजपा की सोच : जानकारों की मानें तो भाजपा एआईएमआईएम को कमजोर करके अपने लिए आगे की राह आसान करना चाहती है. कर्नाटक के बाद तेलंगाना उसके लिए दूसरा ऐसा राज्य बन सकता है, जहां पर वो प्रसार करके अपनी राजनीतिक पैंठ बना सकता है. यदि आपको याद हो तो पिछले लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने इतनी ताकत नहीं झोंकी थी. भाजपा ने इसके बाद भी वहां की चार सीटों पर जीत का परचम लहराया था. यही वजह है कि अब भाजपा सूबे में अपनी पूरी ताकत लगा देना चाहती है और अपनी सीटें स्थानीय निकाय से लेकर विधानसभा में बढाना चाहती है.
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औवेसी भी लगा रहे हैं ताकत : गौर हो कि इस चुनाव में भाजपा ही नहीं, बल्कि एआईएमआईएम ने भी अपनी ताकत झोंक दी है. औवेसी खुद कमान संभाले हुए हैं. औवेसी लोगों से पैदल संपर्क साधकर जनसमर्थन जुटाने में लगे हुए हैं. उनके लिए भाजपा से पार पाना नाक का सवाल नजर आ रहा है. जानकारों की मानें तो औवेसी यहां पर अगर मात खाते हैं तो न केवल उनकी छवि को झटका लगेगा, बल्कि उसके दूसरे राज्यों में बढ़ते कदमों पर भी रोक लग सकती है.
अन्य पार्टियों का हाल : जानकारों की मानें तो आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कांग्रेस की स्थिति अच्छी नहीं है जबकि तेलुगू देशम पार्टी को भी लोग पसंद नहीं कर रहे हैं. ऐसे में भाजपा को यहां पर ताकत दिखाने से लाभ मिल सकता है. हालांकि यहां पर एआईएमआईएम की अच्छी पकड़ मानी जाती है, इसलिए भाजपा की टक्कर भी सीधे तौर पर ओवैसी की पार्टी के साथ है.