मनीष सिसोदिया के बचाव में CM अरविंद केजरीवाल बोले- भगत सिंह की औलाद हैं, डरने वाले नहीं

केजरीवाल ने कहा कि केंद्र की सरकार में बैठे लोग सावरकर का मानने वाले लोग है, और हम भगत सिंह की औलाद हैं, हम किसी से डरते नहीं. मनिष सिसोदिया को 2 या 3 महीने के लिए जेल में डाला जायेगा, फिर वे बाहर निकल आयेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 22, 2022 2:35 PM

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल द्वारा दिल्ली सरकार की आबकारी नीति की सीबीआई जांच की सिफारिश करने के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा. उन्होंने कहा, मुझे पता है कि मनीष सिसोदिया को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा. मैं इस महीने पहले जानता था. उन्होंने कहा कि देश में अब एक नई व्यवस्था है, वे पहले तय करते है कि किसे जेल भेजा जाए और एक बना बनाया मामला पेश किया कर फंसाया जाए. उन्होंने कहा वे सावरकर को मानते हैं, हम भगत सिंह के औलाद है डरने वाले नहीं.


हम जेल से नहीं डरते, न फंदे से डरते हैं- केजरीवाल

केजरीवाल ने आगे कहा, पूरा मामला झूठा है. मैं सिसोदिया को पिछले 22 सालों से जानता हूं. वह ईमानदार है. जब वे मंत्री बने तो दिल्ली के सरकारी स्कूलों की हालत खस्ता थी. उन्होंने उन्हें उस स्तर तक लाने के लिए दिन-रात काम किया, जहां एक जज का बच्चा और एक रिक्शा चालक का बच्चा एक साथ बैठकर पढ़ाई करते हैं. उन्होंने आगे कहा, हम जेल से नहीं डरते, न फंदे से डरते हैं. उन्होंने हमारे लोगों के खिलाफ कई मामले बनाए हैं. आप पंजाब में अपनी जीत के बाद से बढ़ रही है. वे हमें राष्ट्रीय स्तर तक बढ़ते हुए नहीं देख सकते हैं इसलिए वे इस तरह के उपायों का सहारा ले रहे हैं.

जानें क्या है पूरा मामला

दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 में नियमों के उल्लंघन तथा प्रक्रियागत खामियों को लेकर इसकी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराए जाने की सिफारिश की है. अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि दिल्ली के मुख्य सचिव की इस महीने की शुरुआत में सौंपी गयी रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश की गयी है.

नियमों के उल्लंघन का आरोप 

अधिकारियों के अनुसार इस रिपोर्ट से प्रथम दृष्टया राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) अधिनियम, 1991, व्यापारिक लेनदेन की नियमावली-1993, दिल्ली आबकारी अधिनियम, 2009 और दिल्ली आबकारी नियम, 2010 के उल्लंघनों का पता चलता है. उन्होंने बताया कि इसके अलावा रिपोर्ट में शराब के ठेकों के लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ देने के लिए जानबूझकर और घोर प्रक्रियागत खामियां करने का भी जिक्र है.

Also Read: मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ी, असम CM हिमंता बिस्वा सरमा ने आपराधिक मानहानि का मुकदमा कराया दर्ज
भाजपा और कांग्रेस ने दर्ज करायी शिकायत

नयी आबकारी नीति 2021-22 पिछले साल 17 नवंबर से लागू की गयी थी, जिसके तहत 32 मंडलों में विभाजित शहर में 849 ठेकों के लिए बोली लगाने वाली निजी संस्थाओं को रिटेल लाइसेंस दिए गए. कई शराब की दुकानें खुल नहीं पायी. ऐसे कई ठेके नगर निगम ने सील कर दिए. भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने इस नीति का पुरजोर विरोध किया था और इसकी जांच के लिए उपराज्यपाल के साथ केंद्रीय एजेंसियों में शिकायत दर्ज करायी थी.

Next Article

Exit mobile version