Indian Air Force भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने मंगलवार को कहा कि मेक इन इंडिया के तहत 114 मल्टीरोल लड़ाकू विमान को तैयार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस मेगा परियोजना में 1.25 लाख करोड़ रुपये व्यय होंगे. एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि मिराज, मिग-29एस और निकट भविष्य में जगुआर की संख्या में गिरावट से निपटने के लिए 114 विमान भारतीय वायुसेना के लिए महत्वपूर्ण होंगे.
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि 114 एमआरएफए परियोजना (MRFA Project) निश्चित रूप से मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत होगी. पुराने लड़ाकू विमानों को हटाने और उनकी जगह नये विमान लाने के संबंध में बात करते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय वायुसेना के पास अगले दशक तक कम से कम 35 लड़ाकू स्क्वाड्रन होने चाहिए. उन्होंने कहा कि मिग-21 के चार स्क्वाड्रन हैं और इन सभी को अगले तीन-चार साल में रिटायर करने की है.
वायुसेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय वायुसेना पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के लिए अपनी आवश्यकताओं को पूरा करेगी. डीआरडीओ (DRDO) ने उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान परियोजना विकसित किया है. भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा वायुसेना चीन और पाकिस्तान के साथ दो मोर्चों पर युद्ध की किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन द्वारा बुनियादी ढांचा विकास बढ़ाए जाने के संबंध में सवाल करने पर उन्होंने कहा कि भारत को इसकी जानकारी है और रेखांकित किया कि पड़ोसी देश तिब्बत में तीन एयरबेस पर विकास जारी रखे हुए है.
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