गंगा के बाद अब ‘पंच प्रयाग’ में विसर्जित की जाएंगी बिपिन रावत और उनकी पत्नी की अस्थियां
IAF Chopper Crash देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत की दोनों बेटियों कृतिका और तारिणी ने शनिवार को अपने माता-पिता की अस्थियों को हरिद्वार में गंगा में प्रवाहित किया. वीआईपी घाट पर सीडीएस बिपिन रावत की बेटियों ने नम आंखों से अपने माता-पिता को विदाई दी.
IAF Chopper Crash देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत की दोनों बेटियों कृतिका और तारिणी ने शनिवार को अपने माता-पिता की अस्थियों को हरिद्वार में गंगा में प्रवाहित किया. वीआईपी घाट पर सीडीएस बिपिन रावत की बेटियों ने नम आंखों से अपने माता-पिता को विदाई दी. पूरे सैन्य सम्मान और विधि विधान से अस्थियों को विसर्जित किया गया. वहीं, बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की कुछ अस्थियों को उनके सगे संबंधियों और मित्रों को दिया गया है, जिसे पंच प्रयाग में विसर्जित किया जाएगा.
बता दें कि उत्तराखंड में पांच पूजनीय स्थल जहां पांच नदियां अलकनंदा नदी में विलीन हो जाती हैं और गंगा का निर्माण करती हैं, उसे पंच प्रयाग कहा जाता है. ये पांच स्थान विष्णुप्रयाग, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग और देवप्रयाग हैं. यहां सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की अस्थियों को भी विसर्जित किया जाएगा.
After immersing ashes of #CDSGenBipinRawat & his wife Madhulika Rawat in Ganga in Haridwar, some of the last remains of the first CDS were given to the family members&friends to be immersed in 5 different river confluences in Uttarakhand known as ‘Panch Prayags’ in next few days. pic.twitter.com/CB36k87lk1
— ANI (@ANI) December 11, 2021
इससे पहले आज सुबह सीडीएस जनरल बिपिन रावत की बेटियों ने दिल्ली छावनी के बरार स्क्वायर श्मशान घाट से अपने माता-पिता की अस्थियां एकत्र कीं और गंगा में विसर्जित करने के लिए हरिद्वार पहुंचीं. दोनों ने शुक्रवार को अपने माता-पिता का अंतिम संस्कार किया था. सीडीएस जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत का बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर के पास हेलिकॉप्टर क्रैश में निधन हो गया था. इस हादसे में सीडीएस और उनकी पत्नी समेत 13 लोगों की जान चली गई.
वहीं, जनरल बिपिन रावत की बेटियों से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वीआईपी घाट पर ही मुलाकात की. मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि जनरल साहब से हमारे साथ बहुत अच्छे संबंध थे. उन्होंने हमेशा उत्तराखंड का विकास चाहा है. वह हमेशा हमारी यादों में रहेंगे. हम उनके विजन को आगे ले जाने की कोशिश करें. वह एक बहादुर सैनिक थे, जिन्होंने राष्ट्र को अपना जीवन समर्पित कर दिया.