नई दिल्ली : भारतीय वायु सेना के एक चिनूक हेलीकॉप्टर ने सोमवार को देश में पहली बार एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. उसने चंडीगढ़ से असम के जोरहाट तक साढ़े सात घंटे की उड़ान भरकर बिना रुके सबसे लंबा सफर तय करने का एक नया रिकॉर्ड बनाया है. रक्षा अधिकारियों ने कहा कि चिनूक ने 1,910 किलोमीटर की दूरी तय की. इससे हेलीकॉप्टर की क्षमताओं के साथ-साथ भारतीय वायुसेना की परिचालन योजना और क्रियान्वयन से यह संभव हुआ.
एक रक्षा प्रवक्ता ने ट्वीट कर बताया कि वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर ने चंडीगढ़ से जोरहाट (असम) के बीच बिना रुके सबसे लंबी उड़ान भरी. हेलीकॉप्टर ने 1910 किलोमीटर का सफर 7 घंटे 30 मिनट में पूरा किया. चिनूक की क्षमताओं के साथ-साथ वायुसेना की परिचालन योजना और क्रियान्वयन के चलते यह संभव हुआ.
IAF’s Chinook helicopter undertook the longest non-stop helicopter sortie in India, flying from Chandigarh to Jorhat (Assam). The 1910 kms route was completed in 7 hrs 30 min & made possible by capabilities of Chinook along with operational planning and execution by the IAF: IAF pic.twitter.com/mfuURTNOVW
— ANI (@ANI) April 11, 2022
बताते चलें कि सितंबर 2015 में भारत और अमेरिका के बीच 15 चिनूक हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए समझौता हुआ था. अगस्त 2017 में रक्षा मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाते हुए भारतीय सेना के लिए अमेरिकी कंपनी बोइंग से 4168 करोड़ रुपये की लागत से छह अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर, 15 चिनूक भारी मालवाहक हेलीकॉप्टर समेत अन्य हथियार प्रणाली खरीदने की मंजूरी प्रदान की थी. 2019 में चार हेलीकॉप्टरों की पहली खेप गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पहुंची थी. सीएच-47 एफ (आई) चिनूक एक उन्नत मल्टी-मिशन हेलीकॉप्टर है, जो भारतीय सशस्त्र बलों को लड़ाकू और मानवीय मिशनों के पूरे स्पेक्ट्रम में बेजोड़ सामरिक एयरलिफ्ट क्षमता प्रदान करता है.
बता दें कि चिनूक हेलीकॉप्टर ने सबसे पहले 1962 में उड़ान भरी थी. यह एक मल्टीमिशन कैटेगरी का हेलीकॉप्टर है. चिनूक हेलीकॉप्टर अमेरिकी सेना की खास ताकतों में से एक है. इसी चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से अमेरिकी कमांडो ने पाकिस्तान में घुसकर ओसामा बिन लादेन को ढेर कर दिया था. वियतनाम से लेकर इराक के युद्धों तक शामिल चिनूक दो रोटर वाला हैवीलिफ्ट हेलीकॉप्टर है.
भारत ने जिस चिनूक को खरीदा है, उसका नाम है सीएच-47 एफ है. यह 9.6 टन वजन उठा सकता है, जिससे भारी मशीनरी, तोप और बख्तरबंद गाड़ियां लाने-ले जाने में सक्षम है. चिनूक को बनाने वाली कंपनी बोइंग के मुताबिक, अपाचे दुनिया के सबसे अच्छे लड़ाकू हेलिकॉप्टर माने जाते हैं. वहीं, चिनूक हेलिकॉप्टर बहुत ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम है. चिनूक भारी-भरकम सामान को भी काफी ऊंचाई पर आसानी से पहुंचा सकता है.
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मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी सेना अपने बेड़े में लंबे समय से अपाचे और चिनूक हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर रही है. भारत अपाचे का इस्तेमाल करने वाला 14वां और चिनूक को इस्तेमाल करने वाला 19वां देश है. बोइंग ने 2018 में वायुसेना के पायलटों और फ्लाइट इंजीनियरों को चिनूक हेलीकॉप्टर उड़ाने की ट्रेनिंग भी दी थी.