आईएएस विजय शंकर ने किया सुसाइड, 400 करोड़ रुपये के घोटाले का था आरोप
ias, ias sucide, ias bm vijay shankar, sucide news, sucide case, sucide case news: बेंगलुरू के पूर्व उपायुक्त और निलंबित आईएएस अधिकारी विजय शंकर ने आत्महत्या कर ली है. मंगलवार रात को उनका शव उनके आवास से मिला. शंकर पर 400 करोड़ रुपये के आईएमए पॉन्जी घोटाले का आरोप था. बताया जा रहा है कि इस मामले में सीबीआई उन पर मुकदमा चलाना चाहती थी.
बेंगलुरू : बेंगलुरू के पूर्व उपायुक्त और निलंबित आईएएस अधिकारी विजय शंकर ने आत्महत्या कर ली है. मंगलवार रात को उनका शव उनके आवास से मिला. शंकर पर 400 करोड़ रुपये के आईएमए पॉन्जी घोटाले का आरोप था. बताया जा रहा है कि इस मामले में सीबीआई उन पर मुकदमा चलाना चाहती थी.
एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार आईएएस अधिकारी बी एम विजय शंकर मंगलवार रात बेंगलुरु में अपने आवास पर मृत मिले हैं. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. सीबीआई 4,000 करोड़ रुपये के आईएमए पोंजी घोटाल में शंकर के खिलाफ मुकदमा चलाना चाहती थी.
क्या था उनपर आरोप- 2019 में कर्नाटक सरकार को शिकायत मिली कि आई मॉनिटरी एडवाइजरी में घोटाला हुआ है, जिसके बाद तत्कालीन एचडी कुमारस्वामी की सरकार ने इस मामले के लिए जिला प्रशासन को निर्देश दिया. विजय शंकर पर आरोप था कि उन्होंने इस जांच में कोताही बरती और आरोपियों कौन बचाने का काम किया.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार विजय शंकर ने इस मामले की जांच के लिए सहायक कमिश्नर एल नागराज को जिम्मेदारी दी. नागराज पर आरोप है कि उन्होंने मामले की जांच पर लीपापोती कर तत्कालीन उपायुक्त सीएम विजय शंकर को भेज दिया. शंकर ने भी इस मामले में आरोपी देखे क्लिन चिट देकर राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंप दिया.
सरकार बदलने पर सीबीआई जांच– एचडी कुमारस्वामी की सरकार गिरने के बाद बीजेपी की येदियुरप्पा सरकार सत्ता में आई. येदियुरप्पा ने इस मामले को सीबीआई के हाथों सौंप दिया. इंडिया टुडे के अनुसार सीबीआई ने इस मामले के प्राथमिक जांच में पाया कि विजय शंकर ने क्लिन चिट देने एक ऐवज में आरोपी से 1.5 करोड़ रुपये लिए, जिसके बाद सीबीआई इस मामले में मुकदमा चलाने के लिए राज्य सरकार से परमिशन मांगी थी.
क्या है घोटाला– मुख्य आरोपी मोहम्मद मंसूर खान ने 2006 में आईएमए के नाम से एक कंपनी खोली थी. यह। कंपनी कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू सहित कुछ जिलों में अपना संचालन कर रही थी. कंपनी ने लोगों के लिए निवेश का रास्ता खोल धोखाधड़ी शुरू कर दी. कंपनी पर आरोप था कि लोगों को 17-25 फीसदी का लालच देकर पैसै निवेश करवाया लेकिन जब रिटर्न का समय आया तो कंपनी के मालिक मंसूर खान दुबई भाग गया. हालांकि बाद में ईडी ने उसे गिरफ्तार कर लिया था.
Posted By : Avinish Kumar Mishra