गुजरात कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा अब राजनीति करेंगे. उन्होंने लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी का हाथ थाम लिया है. साल 2022 में रिटायर होने वाले अरविंद ने पहले ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्त ले ली.
ऐसा माना जाता है कि अरविंद शर्मा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी रहे हैं. उनके सेवानिवृत्ति के फैसले ने सबको हैरान कर दिया. अब ऐसी खबर है कि भाजपा उन्हें विधान परिषद भेज सकती है.
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भाजपा का दामन थामने के बाद अरविंद शर्मा ने कहा, मैं मऊ के एक छोटे से गांव का हूं. पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी उसे पूरी ईमानदारी से निभाने की कोशिश करूंगा. कल रात ही मुझे बताया गया कि मुझे भाजपा की सदस्यता लेनी है.
अरविंद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी करीबी माना जाता है. ऐसे में भाजपा में उनका शामिल होना अहम है. साल 201 से लेकर 2013 तक उन्होंने गुजरात में पीएम मोदी के साथ काम किया है. पीएम मोदी जब दिल्ली आये तो अपने साथ अरविंद शर्मा को दिल्ली ले आये. यह यूपी के ही रहने वाले हैं. शर्मा 1988 बैच के गुजरात कैडर के ही अधिकारी हैं.
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अरविंद शर्मा ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक और राजनीति शास्त्र की पढ़ाई की है. 1988 में उनका चयन गुजरात कैडर में भारतीय प्रशासनिक सेवा में हो गया. साल 2013 में पदोन्नत होकर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रमुख सचिव के पद पर आये. साल 2014 में केंद्र में प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी उन्हें दी गयी थी.