IAS Pooja Khedkar: पूजा खेडकर 2023 बैच की आईएएस अधिकारी हैं. उन्होंने यूपीएससी में 821वीं रैंक लाकर परीक्षा पास की थी. इन दिनों पूजा प्रोबेशन के दौरान अपनी मांगों को लेकर सुर्खियों में है. पूजा पर आरोप लगा है कि उन्होंने सहायक कलेक्टर के रूप में कार्यभार संभालने से पहले उन्होंने पुणे के जिला कलेक्टर से अलग घर और कार की मांग की थी. इसके अलावा पूजा ने सायरन, वीआईपी नंबर प्लेट की गाड़ी और अपनी निजी लग्जरी सेडान पर महाराष्ट्र सरकार का स्टिकर लगाने की भी मांग की थी. अब उनकी नियुक्ति पर भी सवाल उठ रहे हैं.
पूजा की नियुक्ति की जांच को लेकर समिति का हुआ गठन
पूजा खेडकर की UPSC में नियुक्ति की जांच के लिए बृहस्पतिवार को एक समिति का गठन किया गया है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग DOPT के अतिरिक्त सचिव ही इस मामले की जांच करेंगे. पूजा पर आईएएस में स्थान पाने के लिए शारीरिक दिव्यांगता श्रेणी और अन्य पिछड़ा वर्ग OBC कोटा के तहत लाभों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है. उन्हें अनुचित व्यवहार के आरोपों के कारण पुणे से वाशिम ट्रांसफर कर दिया गया था. बता दें कि खेडकर ने बृहस्पतिवार को विदर्भ क्षेत्र के वाशिम जिला समाहरणालय में सहायक जिलाधिकारी के रूप में कार्यभार संभाला.
क्या बोले पूजा के पिता दिलीप खेडकर
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक खबर के अनुसार, पूजा खेड़ेकर से जुड़े इस मामले में उनके पिता दिलीप मेधेकर कर पूंछा गया तो उन्होंने मीडिया पर गलत ट्रायल न चलाने की सलाह दे डाली. दिलीप ने कहा, “ओबीसी प्रमाण पत्र नियमों के अनुसार दिया गया है. यूपीएससी परीक्षा सबसे कठिन है और इसलिए चयन प्रक्रिया पर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए. मीडिया से अनुरोध है कि गलत ट्रायल रन न चलाए, अन्यथा यह किसी की भी जिंदगी बर्बाद कर देगा.” उन्होंने पीडब्ल्यूडी श्रेणी में उनकी उम्मीदवारी को उचित ठहराते हुए कहा कि बेंचमार्क विकलांगता अधिनियम, 2016 के अनुसार, “90% विकलांगताएं दिखाई नहीं देती हैं.”
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पूजा छह बार मेडिकल जांच में शामिल होने से किया था मना
पूजा खेडकर ने दृष्टिबाधित श्रेणी से यूपीएससी परीक्षा पास की थी. उन्होंने विकलांग होने का दावा किया है और अपनी मानसिक बीमारी होने का प्रमाण पत्र भी पेश किया है. इस तरह पूजा को यूपीएससी परीक्षा में विशेष रियायत मिली और वो आईएएस बन गईं. रिपोर्ट्स की माने उनके प्राप्तांक कम थे और वह यूपीएससी की परीक्षा पास नहीं कर सकती थी. चयन के बाद जब पूजा के मेडिकल जांच कराने की बारी आई तो उन्होंने छह बार मेडिकल जांच में शामिल होने से इनकार किया था.
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