आईसीएमआर के वैज्ञानिक का दावा-मार्च तक कोविड 19 कमजोर होकर हमेशा मौजूद रहने वाली बीमारी बन जायेगा
अगर ओमिक्राॅन डेल्टा वैरिएंट की जगह ले और कोई नया वैरिएंट कोरोना महामारी का ना आये, तो इसके कमजोर होने की संभावना है.
आईसीएमआर के महामारी वैज्ञानिक समीरन पांडा ने आज दावा किया है कि 11 मार्च तक कोविड 19 कमजोर होकर हमेशा मौजूद रहने वाली बीमारी बन सकता है.
समीरन पांडा ने कहा कि अगर हम अपना बचाव करते रहते हैं और कोई लापरवाही नहीं करते, तो इसकी संभावना है. साथ ही इसके लिए यह भी जरूरी है कि ओमिक्राॅन डेल्टा वैरिएंट की जगह ले और कोई नया वैरिएंट कोरोना महामारी का ना आये.
डाॅ समीरन पांडा का कहना है कि इसके लिए हमें कुछ और दिन इंतजार करना होगा और देखना होगा कि क्या दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में जहां कोरोना चरम पर है वहां की स्थिति कैसी है और क्या वहां कोरोना का चरम आ चुका है.
यही वजह है कि हमने राज्यों से परीक्षण बढ़ाने को कहा है ताकि वायरस के बारे में हमें पूरी जानकारी रहे. कोई नया वैरिएंट आ रहा है या नहीं.
आईआईटी कानपुर के एक वैज्ञानिक के अनुसार भारत में कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर 23 जनवरी को चरम पर पहुंच सकती है और इस दौरान रोजाना संक्रमण के चार लाख तक मामले सामने आ सकते हैं. आईआईटी-कानपुर के प्रोफेसर व मनिंद्र अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में पहले ही बीते सात दिन में संक्रमण के मामलों की संख्या चरम पर पहुंच चुकी है.
जबकि महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, गुजरात और हरियाणा में इस सप्ताह कोविड -19 के मामले चरम पर होंगे, जबकि आंध्र प्रदेश, असम और तमिलनाडु जैसे राज्यों में अगले सप्ताह इनके चरम पर पहुंचने की आशंका है.
वहीं दक्षिण अफ्रीका में हुए एक अध्ययन में यह तथ्य सामने आया है कि कोरोना वायरस का ओमिक्रोन स्वरूप से भविष्य में कोविड-19 बीमारी की गंभीरता में कमी आ सकती है और यह कम हानिकारक बीमारी के रूप में तब्दील हो सकता है.