चीन को चपत! डिफेक्टेड कोरोना किट लौटाएगा भारत, राज्यों से ICMR ने वापस मांगे

Coronavirus Outbreak in india, china, Test Kit, ICMR: भारतीय चिकित्सा अनुसंधान ने राज्य सरकरों को रैपिड एंटीबॉडी जांच को लेकर संशोधित एडवाइजरी जारी की है.आईसीएमआर ने राज्य सरकारों को लिखा है कि वह गुआंगझोउ वोंडफो और झुहाई लिवजोन डायग्नोस्टिक्स किट का इस्तेमाल न करें. बता दें, सरकार ने दो चीनी कंपनियों से तेजी से एंटीबॉडी परीक्षण किट खरीदने के आदेश को गुणवत्ता के मुद्दों के बाद रद्द कर दिया गया है .

By Mohan Singh | April 27, 2020 6:50 PM
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नयी दिल्ली : भारतीय चिकित्सा अनुसंधान ने राज्य सरकरों को रैपिड एंटीबॉडी जांच को लेकर संशोधित एडवाइजरी जारी की है.आईसीएमआर ने राज्य सरकारों को लिखा है कि वह गुआंगझोउ वोंडफो और झुहाई लिवजोन डायग्नोस्टिक्स किट का इस्तेमाल न करें. बता दें, सरकार ने दो चीनी कंपनियों से तेजी से एंटीबॉडी परीक्षण किट खरीदने के आदेश को गुणवत्ता के मुद्दों के बाद रद्द कर दिया गया है .

सरकार की मेडिकल काउंसिल ने कहा कि दो चीनी कंपनियों- ग्वांगडोंग वंडो बायोटेक और झुहाई लिवज़ोन डायग्नोस्टिक्स द्वारा बनाई गई टेस्ट किट भारतीय चिकित्सा परिषद द्वारा “अंडर-परफॉर्मिंग” पाई गई हैं.इसके साथ उन्होंने कहा की इस प्रक्रिया में सरकार ने कोई भुगतान नहीं किया है.सरकार ने 27 मार्च को ICMR के माध्यम से चीनी फर्म वोंडो से पांच लाख रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट का आदेश दिया था. खरीद आदेश पर ICMR और आर्क फार्मास्यूटिकल्स के बीच हस्ताक्षर किए गए थे.

आईसीएमआर ने इस संबंध में कहा कि राज्यों को सलाह दी जाती है कि इन दोनों कंपनियों की टेस्ट किट का इस्तेमाल न करें और इन किट को वापस इनके सप्लायर को भेज दें.

आईसीएमआर ने अपनी फैक्ट शीट में कहा रैपिड टेस्ट किट की आपूर्ति के लिए भुगतान नहीं किया है.इसे 100 प्रतिशत एडवांस देकर नहीं लिया गया था.ऐसे में भारत सरकार को एक रूपये का भी नुकसान नहीं हुआ है.यह जानना अहम है कि रैपिड किट मंगाने का फैसला क्यों किया गया? टेस्टिंग कोरोना से लड़ने के लिए बेहद जरूरी हथियार है और आईसीएमआर टेस्टिंग के लिए हरसंभव कदम उठा रहा है. इसके तहत ही टेस्ट किट मंगाई गई. इसे मंगाने का फैसला ऐसे वक्त में किया गया, जब दुनिया में इसकी भारी मांग है.

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