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देश में जल्द किया जाएगा चौथा सीरोलॉजिकल सर्वे, ICMR बना रही योजना

Fourth Sero Survey In India: देश में कोरोना की दूसरी लहर के बाद कोरोना महामारी के कारण बनने वाले Sars-Cov-2 वायरस की व्यापकता का आकलन करने के लिए देश भर में चौथा सीरोलॉजिकल सर्वे कराया जाएगा. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) इसके लिए योजना बना रही है. इसकी औपचारिक घोषणा आईसीएमआर को महानिदेशक द्वारा की जाएगी.

देश में कोरोना की दूसरी लहर के बाद कोरोना महामारी के कारण बनने वाले Sars-Cov-2 वायरस की व्यापकता का आकलन करने के लिए देश भर में चौथा सीरोलॉजिकल सर्वे कराया जाएगा. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) इसके लिए योजना बना रही है. इसकी औपचारिक घोषणा आईसीएमआर को महानिदेशक द्वारा की जाएगी.

विशेषज्ञों का मानना है कि सीरों सर्वे के जरिये बीमारी की व्यापकता का पता चलता है, साथ ही हम जान पाते हैं कि इस बीमारी से बचाव के लिए क्या उपाय अपनाए जा सकते हैं. वर्तमान में किये जा रहे सीरो सर्वे से सरकार को भी मदद मिल जाएगी कि कब तक प्रतिबंधों में ढील दी जा सकती है.

सीरो सर्वे के जरिए विभिन्न समूहों में एंटीबॉडी प्रसार को जानने में मदद मिलेगी. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉ संजय राय ने कहा कि यह संभव है कि जिस तरीके से सकारात्मकता दर में कमी आयी है, यह काफी हद तक प्राकृतिक संक्रमण के कारण हुआ है.

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विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि चौथा सर्वेक्षण पिछले किये गये तीन सर्वेक्षणों से अलग होगा, क्योंकि दूसरी लहर में कोरोना के मामलों में जबरदस्त उछाल देखा गया, इसके अलावा पिछले चार महीनों में टीकाकरण भी हुआ है.

डॉ पांडा ने कहा कि सीरो सर्वेक्षण में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी की मौजूदगी की तलाश की जाती है. एंटीबॉडी ना केवल संक्रमण से बल्कि टीकारण से भी बन सकती है. उन्होंने कहा कि इस बार हमे एक मिश्रित प्रकार की एंटीबॉडी मिलेगी, क्योंकि इस बार कई लोग हल्के लक्षण वाले या बिना लक्षण वाले थे, और कई लोग गंभीर रुप से बीमार पड़े थे.

सीरो सर्वे से इस बात का भी पता लगाया जाता है कि क्या महामारी कम्युनिटी ट्रांसमिशन स्टेज में पहुंच गया है या नहीं. इसके तहत खून की जांच की जाती है जिसमें पिछले संक्रमण के कारण शरीर में बने एंटीबॉडी की जांच की जाती है. पिछले सभी सीरो सर्वेक्षण के लिए चेन्नई में ICMR का नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी को नोडल एजेंसी बनाया गया था. इस बार भी सर्वे की निगरानी यही कर सकती है.

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Posted By: Pawan Singh

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