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वो मेडिकल रिसर्च जिसकी वजह से पूरे देश में लगा 21 दिनों का लॉकडाउन

PM Narendra Modi ने मंगलवार की रात बारह बजे से पूरे देश में 21 दिनों का Lockdown करने की घोषणा की. घोषणा के दौरान PM ने कहा कि वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विभाग ने Coronavirus को रोकने के लिए जो सबसे बेहतर उपाय सुझाए हैं वह 21 दिन का Lockdown ही है.

By AvinishKumar Mishra | March 25, 2020 9:54 AM
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नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार की रात बारह बजे से पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन करने की घोषणा की. घोषणा के दौरान पीएम ने कहा कि वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विभाग ने कोरोनावायरस को रोकने के लिए जो सबसे बेहतर उपाय सुझाए हैं वह 21 दिन का लॉकडाउन ही है.

उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों ने अपने शोध में कहा है कि 21 दिन में कोरोनावायरस का चेन टूट जाता है और यह पूरी तरह से खत्म हो जाता है. इसलिए भारत में कोरोना को खत्म करने के लिए 21 दिनों का लॉकडाउन लगाना पड़ेगा. पीएम मोदी के इस दावे का आधार इंडियन मेडिकल रिसर्च काउंसिल का एक शोध है, जिसमें कहा गया है कि 22 दिन अगर भारत को लॉकडाउन कर दिया जाये तो देश में कोरोनावायरस फैलने से रूक जायेगा.

89 प्रतिशत कमी– आईसीएमआर ने दावा करते हुए कहा है, ‘कोरोना वायरस के लक्षणों वाले और संदिग्ध मामलों वाले लोगों के घरों में एकांत में रहने जैसे सामाजिक दूरी बनाने के उपायों का कड़ाई से पालन करने से कुल संभावित मामलों की संख्या में 62 प्रतिशत की और सर्वाधिक मामलों की संख्या में 89 प्रतिशत की कमी आ जायेगी. ऐसी स्थिति में भारत में कोरोनावायरस खत्म होने की संभावनाएं हैं.

ICMR के मुताबिक पारंपरिक सोशलाईजिंग पर प्रतिबंध लगाकर और अन्य लोगों को संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से रोक लगाकर आसानी कोरोनावायरस के मामलों में कमी लाई जा सकती है. दरअसल, इसी निर्देश से संक्रमण को कम करने लिए चीन ने अपनाया और वहां मामले तेजी से कम होने लगे और अब यही उपक्रम संक्रमण से बचने के लिए इटली में भी अपनाया गया है.

एक व्यक्ति एक दिन में चार लोगों को फैला सकता है वायरस- रिसर्च काउंसिल ने कोरोना के प्रसार को लेकर अपने दावे में कहा है कि कोरोना से ग्रसित एक व्यक्ति एक दिन में न्यूनतम चार लोगों तक इसे फैला सकता है. इसलिए इसे थामने में सबसे अहम बात यही है कि हम संक्रमित लोगों को अन्य स्वस्थ लोगों से कितना दूर रख सकते हैं. आइएमसीआर के डॉक्टर रमन गंगाखेड़कर के अनुसार गणितीय मॉडलिंग में एक चीज पर ध्यान दिया है कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए कौन सा तरीका सबसे बेहतर होगा.

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