नयी दिल्ली : भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने बुधवार को स्पष्ट किया है कि वायरसरोधी दवा ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ हर किसी के इस्तेमाल के लिए नहीं है और यह सिर्फ कोरोना वायरस के इलाज में लगे चिकित्साकर्मियों और संक्रमित लोगों के संपर्क में आने वाले संदिग्ध व्यक्तियों को ही दी जा रही है.
आईसीएमआर के वरिष्ठ वैज्ञानिक रमन आर गंगाखेड़कर ने ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ के इस्तेमाल को लेकर व्याप्त संशय दूर करते हुये बुधवार को कहा कि इस दवा का इस्तेमाल हर कोई नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि आईसीएमआर बार-बार यह स्पष्ट कर चुका है कि यह दवा सभी के इस्तेमाल के लिए नहीं है. उन्होंने कहा कि यह दवा सिर्फ कोरोना वायरस के इलाज में लगे चिकित्साकर्मियों और संक्रमित लोगों के संपर्क में आने वाले संदिग्ध व्यक्तियों को ही दी जा रही है.
हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न होने वाली किसी भी संभावित आपात स्थिति में इस दवा की जरूरत को देखते हुए इसे ‘आवश्यक दवाओं’ की श्रेणी में शामिल कर इसकी बिक्री और वितरण को सीमित कर दिया था. आईसीएमआर पहले भी ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ को स्वास्थ्यकर्मियों के लिए निवारक दवा के रूप में इस्तेमाल करने की सिफारिश कर चुका है. साथ ही, आईसीएमआर ने उन लोगों के लिए भी इसके इस्तेमाल को सुरक्षित बताया था, जिनमें कोरोना वायरस लिए जांच में संक्रमित पाये गये लोगों के संपर्क में आने के बाद संक्रमण के लक्षण पाये गये हों.