राजनाथ की पाक को परोक्ष चेतावनी, आतंकी देश को निशाना बनायेंगे, तो सीमा पार करने से नहीं हिचकिचायेगा भारत

राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने कहा कि सरकार देश से आतंकवाद को उखाड़ फेंकने के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा, भारत यह संदेश देने में सफल रहा है कि आतंकवाद से सख्ती से निपटा जायेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 23, 2022 5:47 PM
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गुवाहाटी: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने परोक्ष रूप से पाकिस्तान को चेतावनी दी है. रक्षा मंत्री ने शनिवार को कहा कि भारत सीमा पार से देश को निशाना बनाने वाले आतंकवादियों (Terrorists) के खिलाफ कार्रवाई करने से नहीं हिचकिचायेगा. रक्षा मंत्री यहां एक कार्यक्रम में बोल रहे थे, जिसमें 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम (Bangladesh Mukti Sangram) में शामिल रहे असम के सैनिकों को सम्मानित किया गया.

आतंकवाद को उखाड़ फेंकने के लिए काम कर रही सरकार

राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने कहा कि सरकार देश से आतंकवाद को उखाड़ फेंकने के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा, ‘भारत यह संदेश देने में सफल रहा है कि आतंकवाद से सख्ती से निपटा जायेगा. अगर देश को बाहर से निशाना बनाया जाता है, तो हम सीमा पार करने से नहीं हिचकिचायेंगे.’

पश्चिमी सीमा की तुलना में पूर्वी सीमा पर शांति

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि पश्चिमी सीमा की तुलना में देश की पूर्वी सीमा पर वर्तमान में अधिक शांति और स्थिरता है, क्योंकि बांग्लादेश एक मित्र पड़ोसी है. उन्होंने कहा, ‘पश्चिमी सीमा की तरह भारत पूर्वी सीमा पर तनाव का सामना नहीं कर रहा, क्योंकि बांग्लादेश एक मित्र देश है.’

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पूर्वी सीमा पर घुसपैठ की समस्या लगभग समाप्त

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘घुसपैठ की समस्या लगभग समाप्त हो गयी है. सीमा पर (पूर्वी सीमा) अब शांति और स्थिरता है.’ पूर्वोत्तर के विभिन्न हिस्सों से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफस्पा) को हाल ही में वापस लिये जाने पर रक्षा मंत्री ने कहा कि जब भी किसी स्थान की स्थिति में सुधार हुआ, सरकार ने ऐसा किया.

अफस्पा को लेकर थी गलतफहमी

यह उल्लेख करते हुए कि यह एक गलतफहमी थी कि सेना हमेशा ‘अफस्पा’ को लागू रखना चाहती है, श्री सिंह ने कहा, ‘यह स्थिति है जो आफस्पा लगाये जाने के लिए जिम्मेदार है, सेना नहीं.’ उन्होंने कहा कि असम के 23 जिलों से इस कानून को वापस लिया जा चुका है. मणिपुर एवं नगालैंड के 15 थाना क्षेत्रों से यह कानून हटाया जा चुका है.

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