नयी दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने पूर्वी लद्दाख के साथ सीमा विवाद के बीच चीन को सीधे शब्दों में जवाब देते हुए कहा कि अगर कोई शत्रु देश भारत पर हमला करता है तो हमारा देश मुंहतोड़ जवाब देगा. स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) की पूर्व संध्या पर सशस्त्र बलों को दिये संदेश में सिंह ने कहा कि भारत दिलों को जीतने में भरोसा करता है, जमीन जीतने में नहीं. उन्होंने कहा, ‘लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि हम अपने स्वाभिमान की भावना को आहत होने देंगे.’
रक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भारत जो भी करता है, वह हमेशा आत्म-रक्षा के लिए करता है, ना कि अन्य देशों पर हमले के लिए. उन्होंने कहा, ‘अगर दुश्मन देश हम पर हमला करता है तो हम हर बार की तरह मुंहतोड़ जवाब देंगे.’ सिंह ने कहा, ‘इतिहास इस बात का गवाह है कि भारत ने कभी किसी पर हमला नहीं किया या कभी किसी अन्य देश की भूमि पर कब्जा करने की कोशिश नहीं की.’
सिंह ने कहा, मेरे प्यारे सैनिक भाइयों एवं बहनों, आज मध्य रात्रि से भारतवर्ष 74वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है. इस पावन अवसर पर मैं सशस्त्र सेनाओं में कार्यरत आप सभी सैनिकों एवं सैन्य अधिकारियों को कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं. मैं सभी सेवारत कार्मिकों के साथ-साथ थल सेना, नौसेना, वायु सेना एवं तटरक्षक बल के पूर्व सैनिकों को भी शुभकामनाएं देता हूं. मैं उन परिवारजनों को भी बधाई देता हूं जिनके प्रियजन उनसे बहुत दूर कठिन एवं दुर्गम क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि गहरे समुद्र में भी तैनात हैं.
रक्षा मंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या के इस अवसर पर मेरी संवेदना एवं कृतज्ञता राष्ट्र की रक्षा में अपना जीवन न्योछावर करने वाले उन रणबांकुरों के प्रियजनों के साथ भी है. आज मैं गलवान में बलिदान देने वाले सैनिकों को विशेष रूप से स्मरण करते हुए अपनी श्रद्धांजलि देता हूं. यह देश उनकी बहादुरी और उनके सर्वोच्च बलिदान को कभी भुला नहीं सकता. मैं उनके परिवारों को भरोसा देना चाहता हूं कि वे लोग अकेले नहीं हैं बल्कि पूरा देश उनके परिवार के साथ खड़ा है.
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राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारी सेनाएं राष्ट्र की रक्षा में अग्रणी हैं, अत: मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि सरकार आपका मनोबल ऊंचा बनाये रखने और आपकी जरूरतों को पूरा करने के लिए वह सब कर रही है जो जरूरी है. आपको याद होगा लंबे समय से भारतीय वायुसेना में नये आधुनिक लड़ाकू विमानों की कमी महसूस की जा रही थी. हमारी सरकार आते ही आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के साथ गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट अग्रीमेंट कर 36 राफेल यथाशीघ्र मंगाने का काम शुरू किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा के क्षेत्र में सुधार की मांग को स्वीकार करते हुए पिछले वर्ष स्वतंत्रता दिवस को लालकिला की प्राचीर से CDS के गठन की ऐतिहासिक घोषणा की. CDS के गठन से सेनाओं के बीच और बेहतर समन्वय सुनिश्चित किया गया है. इसके दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे. खुशी की बात यह है कि राफेल के खेप आने शुरू हो गये हैं. दो सप्ताह पहले पांच राफेल विमान अंबाला एयर बेस पर पहुंचे. बाकी के भी शीघ्र ही आने वाले हैं. भारत में राफेल लड़ाकू विमान का टच डाउन हमारे सैन्य इतिहास में एक नये युग की शुरुआत है.
सशस्त्र बलों में महिलाओं का सशक्तिकरण पिछले पांच वर्षों में एक प्रमुख फोकस रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं के स्थायी कमीशन के विचार का हमेशा समर्थन किया है और 2018 के अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण के दौरान उन्होंने इस आशय की घोषणा भी की थी. रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन प्रदान करने के लिए औपचारिक सरकारी मंजूरी पत्र 23 जुलाई को जारी कर दिया है और इस प्रकार संगठन में बड़ी भूमिकाओं के निर्वहन के लिए महिला अधिकारियों को अधिकार संपन्न बनाने का रास्ता साफ हो गया है.
सरकार ने 10 वर्ष से कम राष्ट्र की अप्रतिम सेवा के दौरान विकलांग हो जाने वाले हमारे सशस्त्र बल कार्मिकों को भी अमान्य पेंशन देने का निर्णय लिया है. पहले यह पेंशन केवल 10 वर्ष या उससे अधिक सेवा करने वाले सशस्त्र बल कार्मिकों को ही दी जाती थी. इसके अतिरिक्त एक्स ग्रैशिया राशि को चार गुना बढ़ाकर प्रति बैटल कैजुअल्टी (घातक) एवं बैटल कैजुअल्टी (विक्लांगता 60 प्रतिशत एवं उससे अधिक) को मौजूदा दो लाख रुपये से बढ़ाकर आठ लाख रुपये कर दिया गया है.
Posted by: Amlesh Nandan Sinha.